मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और एडीजी आगरा जोन रहे राजीव कृष्ण ने कार्यवाहक डीजी का पदभार संभाला
मऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट ने मरहूम मुख्तार अंसारी के विधायक पुत्र अब्बास अंसारी को सुनाई 2 साल की सज़ा
अब्बास के चुनाव एजेंट भाई उमर को भी सुनाई गई सजा, सरकार आने पर अफसरों से हिसाब लेने की कही थी बात
आगरा के थाना खैरागढ़ क्षेत्र के फूलपुर में खेत के सहारे मिला युवती का शव, कोलारी के बसई नवाब से थी लापता!
उड़ीसा के भुवनेश्वर में छापा पड़ते ही चीफ इंजीनियर ने फ्लैट की खिड़की से फेंके 2.1 करोड़, विजिलेंस ने किए बरामद
योगी जी, संघर्ष करो, लोगों का ज़्यादा नहीं तो थोड़ा भरोसा अभी आप पर कायम, लूटमार के धंधे सारे बंद कर दिखाओ
आप अच्छा कर रहे हैं, आगे और अच्छा करेंगे, सब अच्छा होगा, यह विश्वास होता तो सरकार पर किसी को शंका होती?
पहले पकड़वाओ सारे उठाईगीरे और चोर, बंद कर मंदिर के डोर, फिर देखो कौन नहीं बनने देता बांके बिहारी कॉरिडोर?
लोकतंत्र में कोई अपने आप को राजा या महाराज न समझे, जनप्रतिनिधि सेवादार, जब चाहते जनार्दन गद्दी से देते उतार
अखिल ब्रह्मांड नायक योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण को अहंकार पसंद नहीं, अपने मामा कंस तक को झूर-झूर कर मारा!
जिसने भी सच्चे सरस्वती पुत्रों को बेइंतेहा सताया, उसका हाल-ए-दिल अब किसके द्वारा जाएगा सुना और बताया?
मथुरा के एक छोटे से भक्त बालक शुभ चतुर्वेदी ने था कहा- जिसने तुड़वाया बंसी वारे का चेन, उसे मैं नहीं लेने दूंगा चैन!
रवीश कुमार, पुण्य प्रसून वाजपेई, अभिसार शर्मा, अजीत अंजुम, साक्षी जोशी, दीपक शर्मा आदि की टीआरपी बरकरार
जब तक आप आईना नहीं देखोगे, आपको यह पता कैसे चलेगा कि कहां-कहां गड़बड़ी है, उसमें सुधार कैसे होगा?
राजा को शायद इस बात का इल्म नहीं, सोशल मीडिया पर तैर रहे कैसे-कैसे पोस्ट, सिंदूर भर छोड़ देना इनकी आदत?
राजनीति में जो मंगल सूत्र लेकर आया, उस राजा ने मंगल सूत्र तोड़ने वाले किसी लुटेरे को आज तक नहीं पकड़वाया?
मथुरा के लोग बहुत ज्ञानी- जब टूटा बंसी वारे का चेन, पुणे वाले सुधीर पाठक तभी थे बोले- 3 वर्ष में आएगा परिणाम!
बंसी वारे को टटोल कर यह भी थे बोले- सोने का नहीं मगर चित्त का बरक़रार चैन, जिन्होंने तुड़वाई, वे आज तक बेचैन!
आज का प्रासंगिक शेर - मैं पूछता तो हूं मगर जवाब के लिए नहीं, यह क्यों फिरी तेरी नज़र, यह क्यों बदल गई हवा?
जिसे जनता ने दिया भरपूर समर्थन, उसे सुननी चाहिए थी जन-जन की बात, वह करता रहा सिर्फ अपने मन की बात!
कुदरत के खेल निराले मेरे भैया, क़िस्मत का लिखा कौन टाले मेरे भैया, करते रहो मन की बात, अब कौन सुने मेरे भैया?
अपरिहार्य कारणों से जो संस्थान सरकार से डर गए, मर गए, नहीं डरे जो, डटे रहे, उनका स्वतंत्र पुनर्वास हो गया!
कितना हंसता-खेलता था देश का मीडिया, पल-पल की देता था लाइव जानकारी, कर दिया सब गुड़ गोबर, झेलो लाचारी
हर एक के काम में किया हस्तक्षेप, किसी को नहीं करने दिया उसका काम, विधायिका ने फैलाई बड़ी गंदी राजनीति!
जान गई सच्चाई, आम जनता को समझ आ गया सारा खेल, बड़े-बड़े मीडिया संस्थान देखो आज हो गए फेल!
सच्ची ख़बरें देने वाले पत्रकारों को निकलवाया, निकल गई
दवा, शीशी रह गई खाली, किसने संस्थानों को डुबवाया?
जो सच्चे पत्रकार अपने संस्थानों की थे पावर, साथ उनके चली गई उनकी पावर, वीवरशिप/रीडरशिप ले गया कौन?
जो मांगना है मालिक से मांगो, जिनसे मांगने आते सभी, जो आते खुद मांगने, उनसे न मांगो कभी, मालिक तर कर देगा!
संसार के मालिक की सेवा में रहते जो दिन-रात, उनको भी करना पड़ रहा आंदोलन, मालिक से नहीं की क्या बात?
सच्चे पत्रकारों की ओर से समाज को समर्पित गीत- पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी और हम नाचे बिन घुंघरू के!
सच्ची कहानी- कुछ वर्ष पूर्व एक सेवादार ने ग़लत कार्य के ऐवज में तर कर देने को कहा था, तरकर ने नहीं मानी बात!
घूसखोरों के विरुद्ध कार्यवाही हो तो सभी के साथ एक समान भाव से हो, सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए!
मथुरा - सरकारी सेवा में कौन नहीं लेता, तरकर घूसखोर नहीं था, राजनीति अथवा षड्यंत्र की भेंट तो नहीं चढ़ा?
ठाकुर श्री बांके बिहारी को लेकर जो हो, अच्छे सेवा भाव से हो, बंसीवारा साथ नज़र न आए तो बंसीवारे को पकड़ लेना!
बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर कमिश्नर और डीआईजी ने सेवायतों से की वार्ता, आने वाले भक्तों से भी की जाए बात!
कलयुग कर्म प्रधान युग, धन लोलुप मानते अर्थ प्रधान युग, नहीं जानते एक भी पैसा ग़लत आ गया, सर्वनाश कर देगा!
कहते हैं मंदिर में बुहारी लगाकर जो सोहणी सेवा करता है, जीवन उसका सोना हो जाता है, धर्म की गंदगी साफ़ करो!
धर्म की आड़ में अधर्म कराकर पाप की कमाई करने वालों पर वज्राघात करो, सारे मार्ग खुद-ब-खुद खुलते चले जाएंगे!
जो वक्त की आंधी से ख़बरदार नहीं हैं, कुछ और ही होंगे, क़लमकार नहीं हैं, हम चीख हैं, आवाज़ हैं प्रजा की, राजा के दरबार नहीं हैं!
100% सच्ची कहानी- बोला एक पढ़ा-लिखा युवा- मैं न्यूज़ चैनल नहीं देखता और ना अखबार में अब मेरी दिलचस्पी!
बंसी वारे ने पूछा फिर क्या करते हो? युवा ने बताया- अपने अकाउंट से पोस्ट करते जो सच्चे पत्रकार, पढ़ता-देखता हूं!
सीधी सी बात- कोई बात गर वास्तव में ग़लत हो तो विरोध पुरजोर होना चाहिए, सही हो तो समर्थन किया जाना चाहिए!
मथुरा - सदर तहसील से राजस्व निरीक्षक तरकर 10 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार, एंटी करप्शन की कार्यवाही
बांके बिहारी न्यास बोर्ड और कॉरिडोर के विरोध को लेकर वृंदावन आए कमिश्नर और डीआईजी, सेवायतों से की वार्ता
बांके बिहारी न्यास बोर्ड और कॉरिडोर के बनने से किसी के साथ अन्याय नहीं होगा- शैलेंद्र कुमार सिंह, कमिश्नर आगरा
पूर्ण सत्य- तंत्र-मंत्र-यंत्र तभी कारगर होते हैं, जब मन साफ़ हो, अंदर मलीनता भरी हो तो नतीजे उल्टे ही सामने आते हैं!
सदैव प्रासंगिक पंक्तियां- कर्म तेरे अगर अच्छे हैं तो क़िस्मत तेरी दासी है, नीयत तेरी अच्छी है, तो घर ही मथुरा-काशी है!
कर न सको अगर पुण्य कोई तो कम से कम मत पाप करो,
दिल को चोट पहुँच जाए, मत ऐसा क्रिया कलाप करो! (मानो)
ईर्ष्या-द्वेष नहीं करता जो, वो गृहस्थ संन्यासी है,
नीयत तेरी अच्छी है, तो घर ही मथुरा-काशी है! (पूर्ण सत्य)
झूठ कभी मत कहो किसी से, हर दम सच की राह चलो,
बेईमानी से दूर रहो तुम, होकर बेपरवाह चलो! (अनुसरणीय)
ईश्वर अपनी संतानों से सत्गुणों का अभिलाषी है,
नीयत तेरी अच्छी है, तो घर ही मथुरा-काशी है! (पूर्ण सत्य)
लूट-खसोट करो मत हरगिज़, क्या तुम ले जाओगे?
गला काटकर इंसानों का आख़िर तुम क्या पाओगे? (संदेश)
आज का भजन- ईश्वर-अल्लाह तेरे नाम, सबको सन्मति दे भगवान, कोई नीच न कोई महान, सारा जग तेरी संतान!
पैरोडी गीत- लूट/लुटवाकर 4 पैसे क्या जोड़ लिए, खुद को समझ बैठे ख़ुदा, ख़ुदा ही जाने, लुटेरों का होगा अंज़ाम क्या?
आज का संदेशात्मक शेर - जिस दिन फैलें यह हाथ किसी अहले करम के आगे, उससे पहले ऊपर वाला हमें उठा ले!
खून-पसीने की मिलेगी तो खाएंगे, नहीं तो यारों हम भूखे ही सो जाएंगे, दौलत हराम की, अपने किस काम की, हाथ ना लगाएंगे!
आज का बब्बर शेर - मेरे बच्चों यह भूल, भूल कर भी मत करना, भीख की सूरत मिले ज़िंदगी, क़बूल मत करना!
देश-दुनिया को जगाने वालों जागो, अपनी अहमियत को जानो, रोटी और बोटी के लिए ज़मीर गिरवी मत रखना!
न्यायपालिका, कार्यपालिका, पत्रकारिता और विधायिका लोकतंत्र के समानांतर आधारभूत स्तंभ, दबंगई पर विधायिका!
आज की पंक्तियां, अभी क्या देखा है और बहुत बड़ा देखोगे, अभी लेटा बंसीवारा, निकल जाएगी हवा- जब खड़ा देखोगे!
पत्रकारिता बेहद जिम्मेदारी पूर्ण पेशा, जनहित की बेईमानी पत्रकार का धर्म और सरकारी भोंपू कभी पत्रकार नहीं होते!
सच्चे पत्रकारों का लिखा एक-एक शब्द बड़ा अहम् होता है, वह न दबते हैं, न झुकते हैं और न रुकते हैं, इंकलाब होते हैं!
आज का विचार - सच्चे पत्रकारों का प्रत्येक दिन पत्रकारिता दिवस होता है, सृष्टि और प्रलय उनकी भी गोद में पलते हैं!
रुकने का नाम नहीं ले रही सत्ता के नशे की चर्चा, पूछ रहे युवा- "अंकल आपने यह ख़बर नहीं लगाई?" बंसी वारे ने कहा-
गंदगी का सृजन करना पत्रकारिता का उद्देश्य नहीं, जितनी थी जरूरी, उतनी सूचना समय रहते जन-जन तक पहुंचाई!
अगर सरकार के हाथ में सब कुछ होता तो सत्ता का नशा काफूर न होता, मनोहर लाल धाकड़ इतना मशहूर न होता!
संदेशात्मक गीत- सबसे बड़ा नादान वही है, जो समझे नादान मुझे, कौन-कौन कितने पानी में, सबकी है पहचान मुझे!
मेरे भक्तों को जो लूटते/लुटवाते हैं, मैं उनके वंशों के जन्म-जन्मांतर बर्बाद कर देता हूं, हृदय कमल में बोला बंसीवारा!
सच्ची कहानी- गोदी मीडिया का बुरा असर, बड़ी संख्या में लोगों ने अब अखबार और टीवी खोलने ही कर दिए बंद!
मथुरा में रहकर किए होंगे जरूर कुछ अच्छे कार्य, जो पूर्व डीएम बने आगरा कमिश्नर और पूर्व एसएसपी डीआईजी
न जाने कितने जन्मों के पुण्य उदय होते हैं, तब जाकर बृज वास मिलता है, जो चलते नेक राह, नसीब उनका खुलता है!
सच बोलने का हुनर रखते हैं हम, दुनियादारी की कला नहीं रखते, आवाज़ तीखी है, तल्ख़ है, हम दो सुरों वाला गला नहीं रखते!
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