शहर-शहर लगाए जा रहे शिविर, जवाहर विद्यालय में भी लगा?

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संस्कृत भारती विस्तारकों द्वारा हर घर संस्कृत भाषा के लिए लगाए जा रहे संभाषण शिविर।

भाषा की जननी के रूप में सम्पूर्ण विश्व में स्वीकार की जा रही है संस्कृत- नरेद्र भागीरथी

मथुरा 26 दिसंबर 2023।

सनातन संस्कृति की प्राचीन भाषा संस्कृत के संरक्षण, संवर्धन और हर घर संस्कृत भाषा पहुंचाने के संकल्प को अपने जीवन का उद्देश्य बनाकर अपना घर परिवार छोड़कर, गांव-गांव, शहर-शहर और महानगरों में शिविर लगाकर संस्कृत भारती के माध्यम से कंठ कंठ तक संस्कृत भाषा पहुंचाने का कार्य संस्कृत भारती के विस्तारक निरंतर कर रहे हैं।

इसी श्रृंखला के अंतर्गत मथुरा-वृंदावन महानगर के जवाहर इंटर कालेज मथुरा में गत ११ दिसंबर से दस दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर आयोजित किया गया, जिसका समापन समारोह आज प्रातः काल विध्यालय प्रांगण में संस्कृत भारती के बृजप्रांत संगठन मंत्री नरेंद्र भागीरथी गरिमामय उपस्थिति में किया गया, संस्कृत भारती विस्तारक देवव्रत के अनुसार संस्कृत भारती द्वारा जवाहर इंटर कालेज में आयोजित संभाषण शिविर में कक्षा ६ से ८ तक के लगभग पांच दर्जन विद्यार्थियों ने संभाषण की कक्षा में सरल संस्कृत संभाषण सीखने के लिए सहभागिता सुनिश्चित की।

गत दस दिन में दैनिक प्रयोग में घर, परिवार,कार्यालय और दैनिक दिनचर्या में उपयोग होने वाली वस्तुओं का संस्कृत भाषा में परिचय, अभिवादन, दैनिक क्रिया कलापों का संस्कृत में परिचय, संस्कृत गीत, ध्येय मंत्र, कल्याण मंत्र, सुभाषित आदि का अभ्यास कराया गया, जिसको सीखने के लिए छात्रों ने पूर्ण उत्साह के साथ अपनी रुचि दिखाई,दस दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर में संस्कृत भाषा का ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात आज दीपू गोला ने गीत, गोविन्द पटेल ने संस्कृत में अपना परिचय, कृष्ण कुमार ने ध्येय मंत्र, ध्रुव कुमार और गोकलेंद्र ने परस्पर वार्ता, भूपेंद्र कुमार ने अनुभव कथन एवं नैतिक ने अतिथि स्वागत संस्कृत भाषा में प्रस्तुत किया, जिसे सुनकर सभी ने सराहनीय प्रयास कहा।

इस अवसर पर आयोजित समापन समारोह में मार्गदर्शन करते हुए मुख्य वक्ता के रूप में रहे संस्कृत भारती के बृजप्रांत संगठन मंत्री नरेंद्र भागीरथी ने कहा कि संस्कृत भाषा और भारतीय सनातन संस्कृति हमारे राष्ट्र की अमूल्य धरोहर है, संस्कृत भारती मथुरा महानगर सहित सम्पूर्ण विश्व में संस्कृत, संस्कृति, संस्कारों को संरक्षित, संवर्धित करने के लिए निरंतर समाज के मध्य विभिन्न माध्यमों से कार्यरत हैं, जिसका मुख्य संकल्प, लक्ष्य, उद्देश्य हर कंठ तक संस्कृत भाषा पहुंचाना है, लक्ष्य, संकल्प उद्देश्य कठिन है। लेकिन निरंतर समाज में संस्कृत भाषा के प्रति बढ़ते हुए उत्साह को देखकर लगता है कि आगामी समय में निश्चित यह संकल्प, लक्ष्य, उद्देश्य पूर्ण होंगे। संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी है।

जवाहर इंटर कालेज के वरिष्ठ अध्यापक जयप्रकाश शर्मा ने उपस्थित छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व की सभी भाषाओं में संस्कृत भाषा का समावेश है। विश्व का सबसे बड़ा शब्द कोष संस्कृत भाषा में ही है। कालांतर में एक योजना के अंतर्गत आक्रांताओं ने हमारी संस्कृति, सभ्यता और संस्कारों एवं संस्कृत भाषा को नष्ट करने के अनेकानेक प्रयास किए गए लेकिन भारत माता के बलिदानी सपूतों ने सदैव इसको संरक्षित किया। आज आजादी के सात दशक पश्चात् पुनः वह स्वर्णिम युग प्रदर्शित हो रहा है, जब संस्कृत भारती के अथक प्रयासों से संस्कृत भाषा के क्षेत्र में भारत पुनः विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित होगा।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्कृत भारती मथुरा महानगर के प्रचार प्रमुख रामदास चतुर्वेदी शास्त्री ने कहा कि संस्कृत भारती संस्कृत भाषा को सरल स्वभाव में बोलचाल की भाषा बनाने के लिए संभाषण शिविरों के साथ साथ, अभ्यास वर्ग एवं विभिन्न आन लाइन अभ्यास वर्गों, सरल परीक्षाओं के माध्यम से संस्कृत भाषा का ज्ञान जन-जन तक पहुंचा रही है। आज विदेशों तक संस्कृत भाषा के विशेषज्ञों की मांग बढ़ रही है, आज युवाओं में विभिन्न स्वरूपों में संस्कृत भाषा के प्रति रुचि दिखाई दे रही है। यह भाषा आज पूजापाठ, धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित न रहकर ज्ञान विज्ञान की भाषा के रूप में अपना स्थान ग्रहण कर रही है। सामान्य जनजीवन में संस्कृत के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। इसका लाभ समाज के विभिन्न क्षेत्रों में मिल रहा है।

कार्यक्रम में जवाहर इंटर कालेज के वरिष्ठ अध्यापक श्रीओम गौड़, वरिष्ठ लिपिक राजेश वार्ष्णेय सहित संस्कृत अध्यापिका श्रीमती पूजा तिवारी का विशेष सहयोग रहा।

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