कहने वाले सब पहले ही कह गए- "जबर में हरि बसत है, निर्बल में हरि नांय, जो जबर जबरई करै, हरि निर्बल की मांय।"
जो सामर्थ्यवान है, उसमें भगवान है, तभी वह सामर्थ्यवान है, निर्बल इसलिए निर्बल है, उसके पास नहीं प्रभु का बल है!
मगर जब सामर्थ्यवान अपनी सामर्थ्य का दुरुपयोग करता है तो भगवान उसके नहीं रहते, वह निर्बल की ओर हो जाते हैं!
बंसी वारे ने सदैव यह निवेदन किया- "हमसै चतुराई, भैया भूल मत करियो कोऊ, हम हैं उपासी, वा टेढ़ी टांग वारे के!"
आज का विचार - कुछ स्वार्थी अपने आप को चतुर समझते, जब बंसीवारा अपनी पर आता, सारी चतुराई धरी रह जाती!
यह राष्ट्र धर्म या गज़ब तमाशा- "हिंदू-हिंदू करके जो हिंदुओं के वोट बटोरते, वही ठेका उठवाकर हिंदुओं को लुटवाते?"
जब टूटा बंसी वारे का चेन, छोटे से यमुना पुत्र शुभ ने कहा- "जिसने चुराया/चुरवाया चेन, उनको नहीं लेने दूंगा मैं चैन!"
भाजपा ने अपने लोगों को लाभ देने के चक्कर में न केवल प्रदेश वरन् भारत का उद्योग-व्यापार ठप्प किया- अखिलेश
पत्रकारिता बन गई व्यवसाय, क़लम बिक रही चाय पर, कॉलम बोटी खाय, पिए अंग्रेजी दारू, कल तक मिशन थी, आज गाय दुधारू!
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं अपितु समाजोत्थान हेतु साधना है- क्रांतिकारी स्वर्गीय पत्रकार श्री गणेश शंकर विद्यार्थी
आज का प्रासंगिक शेर - "सूरज हूं, ज़िंदगी की रव़क छोड़ जाऊंगा, मैं डूब भी गया तो शफ़क छोड़ जाऊंगा।"
मथुरा की सच्ची कहानी- घाट पर जैसे ही पहुंची टीटीआई, यमुना की शुरू हो गई सफाई, लगा इंतज़ार कर रहे थे भाई?
अंपायर जैसी होती मीडिया की भूमिका, ज़्यादातर ए टीम का पार्ट बना, शेष बी टीम का हिस्सा, जनता को कौन पूछे?
जिसके पास जितनी शुद्धता और पवित्रता है, उतनी सिद्धता है, जितनी अशुद्धता और अपवित्रता है, उतनी असिद्धता है।
देश में आया गज़ब दौर, पहले जो सब पर नज़र रखता था, अब सरकार के इशारे पर प्रशासन उस पर नज़र रखता है।
पाप की कमाई कर झाड़ लो नवाबी, जितनी झाड़ी जाए, कोई कसर न रह जाए, मनुष्य योनि फिर न मिलेगी दुबारा!
आज का विचार - कुछ लोग इतने माहिर खिलाड़ी होते हैं, जिस सीढ़ी से चढ़कर ऊपर पहुंचते हैं, उसे हथिया लेते हैं।
गोदी मीडिया की आंतरिक पीड़ा अभिव्यक्त करता शेर - कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफ़ा नहीं होता।
आज का बब्बर शेर - यह दबदबा, यह हुक़ूमत, यह नशा-ए-दौलत, किराएदार हैं सब, घर बदलते रहते हैं!
गुणगान करो या मरो? बेहद चुनौती पूर्ण दौर से गुज़र रहा भारतीय मीडिया, सत्ता का गुणगान करने पर मिलता गुण!
कौन है तो यह मुमकिन था, पहले मीडिया राजनीति को रीच देता था, अब राजनीति मीडिया की रीच निर्धारित करती है?
चेन स्नैचर्स गिरोह के लोग खुल्लम-खुल्ला कहते, उन पर सरकार का हाथ, बदनाम कौन हो रहा ठेकेदार या सरकार?
श्री कृष्ण नगरी मथुरा में चला हनी ट्रैप का बड़ा गोरख धंधा, विधायक और पूर्व बार अध्यक्ष के खुलासे के बाद पड़ा ठंडा!
मथुरा के चेन स्नैचर्स गिरोह में चींटी से लेकर हाथी तक की भागीदारी, प्रत्येक प्रतिदिन 5-5, 10-10 हज़ार तक कमाता
बंसीवारे को भी बंसीवारा एप्पल फोन दिला देता तो ऐप के जरिए मोबाइल हैक होने की जानकारी भला कौन देता?
शासन-प्रशासन को मोबाइल टूटने से पूर्व करानी चाहिए जानकारी, किस-किस ने किया इज़रायली ऐप का इस्तेमाल?
पुरोहितों की मोदी-योगी से पुरजोर मांग, माफिया को मत माफ़ करो, इंसाफ़ करो, साम-दाम-दंड-भेद से मथुरा साफ़ करो!
मोदी-योगी का सुशासन नहीं तो और क्या है, टूटी कितनी ज़ंजीरें, आज तक सोने की एक अदद चैन बरामद नहीं?
सच्चा गीत- आना-जाना लगा रहेगा, इक जाएगा, इक आएगा, करेगा जो भी भलाई के काम, उसका ही नाम रह जाएगा!
आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों, कोई ना कोई तो जनहित याचिका लेकर आएगा, तब ठेका खुलकर आएगा!
आज का प्रासंगिक गीत- जीने वाले सोच ले, यही वक़्त है, करले पूरी आरजू, आगे भी जाने ना तू, पीछे भी जाने ना तू!
जब तक ठेका और सरकार, जमकर करो मनमानी, किसी की मत मानो, कल किसने देखा, रहे ना रहे ठेका/सरकार?
मथुरा का चोट्टा दल बेख़ौफ़ कर रहा इज़रायली ऐप का इस्तेमाल, लूट का ठेका, आड़ में अन्य अनेक गोरखधंधे!
उत्तर प्रदेश के थानों में जब महिला पुलिस सुरक्षित नहीं तो आम जनमानस की सुरक्षा की क्या गारंटी, गारंटीदार कौन?
सरकार व्दारा कराए जाने वाले अपराधों को ढोते-ढोते उत्तर प्रदेश पुलिस की हो गई आपराधिक प्रवृत्ति, जिम्मेदार कौन?
सुंदर और सभ्यता पूर्ण आचरण जीवन को महकाता है मगर वर्तमान में हिंसा और लूटमार की प्रवृत्ति का हो रहा विकास
क्या देश की माली हालत इतनी खराब, जारी रखने पड़ रहे श्रद्धालुओं से लूट के ठेके, बंसी वारे के सिवाय कौन रोके?
आज का भजन- कलयुग है कर्मों का युग, जो जैसा खेल रचाएगा, अपने कर्मों का फल प्राणी, जग में वैसा पाएगा!
मथुरा के धनी-मानी सफ़ेदपोशों को नहीं मिला और धंधा, भक्तों को लुटवाने का लिया ठेका, आड़ में अन्य गोरख धंधे!
बृज के कई प्रमुख मंदिर बने जंग के मैदान और लूट के खुले अड्डे, वृंदावन के प्रेम मंदिर में मारपीट का वीडियो वायरल
एक साथ डालने से पानी बह जाता है, बूंद-बूंद एक जगह गिरने से पत्थर में भी छेद हो जाता है और वह टूट जाता है।
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