न्यायालय स्थित केन्द्रीय कक्ष में किया गया "गाँधी जयन्ती समारोह" का आयोजन

Subscribe






Share




  • States News

न्यायालय स्थित केन्द्रीय कक्ष में किया गया "गाँधी जयन्ती समारोह" का आयोजन

मथुरा | 02 अक्टूबर 2022

"गाँधी जयन्ती"

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली तथा उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार आज दिनांक 02 अक्टूबर 2022 "गाँधी जयन्ती" के अवसर पर प्रातः 08.00 बजे से जनपद न्यायालय स्थित केन्द्रीय कक्ष में "गाँधी जयन्ती समारोह" का आयोजन किया गया। इस अवसर पर माननीय जनपद न्यायाधीश मथुरा श्री राजीव भारती तथा माननीय प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, मथुरा डा० विदुषि सिंह द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी व भारत के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित किये गये। तदोपरान्त सभी न्यायिक अधिकारियों द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी व श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किये गये। इस अवसर पर न्यायिक अधिकारीगण, कर्मचारीगण तथा अधिवक्तागण उपस्थित रहे।

आशुलिपिक श्री अटलराम चतुर्वेदी, लेखालिपिक श्री महावीर सिंह तथा सेवानिवृत्त कर्मचारीगण श्री प्रमोद शर्मा व श्री विभम्भर दयाल शर्मा द्वारा काव्य पाठ व गीतों के माध्यम से राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के चरित्र का वर्णन किया गया। 

सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा 02 अक्टूबर के महत्व को बताते हुए कहा कि 02 अक्टूबर का दिन भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जन्म हुआ था। 02 अक्टूबर को प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। सत्य और अहिंसा को लेकर बापू के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।

अपर जिला जज श्री रामराज द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के सम्बंध में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने लंदन में कानून की पढ़ाई की थी। लंदन से बैरिस्टर की डिग्री हासिल कर उन्होंने बड़ा अफसर या वकील बनना उचित नहीं समझा, बल्कि अपना पूरा जीवन देश के नाम समर्पित कर दिया। अपने जीवन में उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन किए। वह हमेशा लोगों को अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ते रहे। चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी सत्याग्रह, दलित आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन उनके प्रमुख आंदोलन रहे, जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव कमजोर करने में अहम भूमिका निभाई। महात्मा गाँधी जी ने भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत जैसी बुराइयों के प्रति लगातार आवाज उठाई। वह चाहते थे कि ऐसा समाज बने जिसमें सभी लोगों को बराबरी का दर्जा हासिल हो क्योंकि सभी को एक ही ईश्वर ने बनाया है उनमें भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। नारी सशक्तीकरण के लिए भी वह हमेशा प्रयासरत रहे।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए माननीय जनपद न्यायाधीश मथुरा श्री राजीव भारती द्वारा कहा गया कि आज 02 अक्टूबर को न सिर्फ हिन्दुस्तान, बल्कि दुनिया के कई देश राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी व श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती मना रहे हैं। महात्मा गाँधी का पूरा नाम महोहनदास करमचंद गाँधी था। आगे चलकर लोगों के बीच वह बापू के नाम से पुकारे जाने लगे। बापू ने देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाने में सबसे अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांत के दम पर अंग्रेजों को कई बार घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। उनके अहिंसा के सिद्धांत को पूरी दुनिया ने सलाम किया। यही वजह है कि आज पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर भी गाँधी जयन्ती को मनाता है। गाँधी जी इस बात में विश्वास रखते थे कि हिंसा के रास्ते पर चलकर आप कभी भी अपने अधिकार नहीं पा सकते। उन्होंने विरोध करने के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया।

 

माननीय जनपद न्यायाधीश महोदय द्वारा कहा कि यह बात सही है कि हम गाँधी जी का काफी सम्मान करते हैं, लेकिन उनके सपने तभी पूरे होंगे जब हम उनके बताए शांति, अहिंसा, सत्य, समानता, महिलाओं के प्रति सम्मान जैसे आदर्शो पर चलेंगे तो आज के दिन हमें उनके विचारों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए। श्री लालबाहादुर शास्त्री जी की ये 118 वी जयन्ती हैं। वे असाधारण इच्छाशक्ति वाले एक शानदार विचारक थे, जिन्होंने अपने जीवन में कठिनाईयों को बड़ी सरलता से न सिर्फ पार किया है बल्कि सभी के लिए प्रेरणा बने।

सभी न्यायिक अधिकारीगण व कर्मचारीगण द्वारा राष्ट्रगान गाकर कार्यक्रम का समापन किया गया।

TTI News

Your Own Network

CONTACT : +91 9412277500


अब ख़बरें पाएं
व्हाट्सएप पर

ऐप के लिए
क्लिक करें

ख़बरें पाएं
यूट्यूब पर