मंगलवार को तिब्बत में भूकंप ने मचाई तबाही, 126 की मौत, 188 घायल
तीन साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत- आगरा में बोले रक्षामंत्री
दिल्ली में 05 फरवरी को मतदान, 08 को मतगणना
छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से जाने-माने पत्रकारों में उबाल, सरकार की नाक में नकेल नहीं रहे डाल?
हिंदूवादी सरकारों के शासन में तीर्थ स्थलों पर चल रहे श्रद्धालुओं से लूट के ठेकों को लेकर सच्चे संतों में पनपा रोष
कबीर का बड़ा सुस्पष्ट दोहा- कबीरा जब हम आए, जग हंसा हम रोए, ऐसी करनी कर चलें, हम हंसें जग रोए।
एक बात किसी ने नहीं बताई होगी- "बंसीवारा खुद आपके घर आकर भी आपसे मिल सकता है, बशर्ते आप सच्चे हों!"
बोल बंसी वारे की जय, बोल राधा रानी की जय, भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा टीटीआई न्यूज़ आपका अपना नेटवर्क
देश-दुनिया के लिए सबसे स्पष्ट विजन- एक मात्र बंसीवारा, जो सच्चे दिल से पुकारता, अनिवार्य रूप से मिलता सहारा
सच्ची कहानी- भारत की विधायिका सबसे ज़्यादा भ्रष्ट, एक मछली मेरे पूरे देश को कर रही गंदा, धर्म की आड़ में धंधा!
टीटीआई न्यूज़ की ख़बरें दिखाने लगीं असर, श्रद्धालुओं के लुटेरे ठेकेदार और सरकारों की मिली भगत हो रही उजागर
पैरोडी शेर- बंसीवारे को पाना नहीं आसान, बस इतना ही समझ लीजै, एक आग का दरिया है और डूब के जाना है!
कोई अटका हुआ है पल शायद, वक्त में पड़ गया है बल शायद, दिल अगर है तो दर्द भी होगा, इसका कोई नहीं है हल शायद
बंसीवारों को कोई क्या लुटवाएगा, बच्चों को लूटने/लुटवाने वालों को मिट्टी में मिलाने का लिए बैठा संकल्प बंसीवारा
बंसीवारे ने नहीं किया कभी घमंड, न मारी किसी को टक्कर, जो बंसीवारे से टकराता, बंसीवारा कर देता उसे चकनाचूर!
श्री कृष्ण नगरी में फंसने-फंसाने का इंतजाम चल रहा है, देखो, मेरा भारत बदल रहा है, 'सब' से आगे चल रहा है?
मथुरा में फंसने-फंसाने का भी ठेका- किस के जरिए महिला पुरुष को फंसाती और शिकार के पीछे रहती पूरी टीम, खेल
सच्चा पुरोहित कहता- मेरा यजमान मुझे मुंह मांगी दक्षिणा देता है, मैं उसकी घरवाली का मंगलसूत्र क्यों लुटवाऊं?
टीटीआई न्यूज़ संकल्पित- आईना समाज का हम यूं ही दिखाते रहेंगे, मिलेंगे जैसे चेहरे, वैसे ही उन्हें दिखाते रहेंगे।
संबल मिला अगर आपका, सच को सामने लाते रहेंगे, गूंगे जनमानस की आवाज़ को चीख हम बनाते रहेंगे।
सत्य- जो दलबल के साथ होता, उसका नहीं होता बंसीवारा, निर्बल/निर्दल का सदैव साथी, देता प्रति क्षण साथ बंसीवारा
गीत- आपका तो लगता है बस यही सपना, राम-राम जपना, पराया माल अपना, वतन का खाया नमक तो नमक हलाल बनो
मथुरा-वृन्दावन में गले में डली झोली में माला डालकर चलने वाले सभी भक्त नहीं होते, ऐसे ही कुछ लुटेरे भी चल रहे हैं!
आजकल के चेलों की सच्ची कहानी- गुरु-गुरु कर आते, पैर छूते, गुरु को पलट, गुरु की गद्दी पर बैठ, खुद गुरु बन जाते!
अपने हृदय के हर प्यारे से कहता सिर्फ यही हर बार अखिल ब्रह्मांड नायक बंसीवारा- "ज़िंदगी में कभी घमंड मत करना!"
टिट फॉर टेट बंसीवारा- सीधे के लिए सीधा, टेढ़े के लिए महा टेढ़ा बंसीवारा, बंसीवारे की किसी से कोई चाह नहीं
जवाहर बाग़ आंदोलन के दौरान आज की सत्तारूढ़ पार्टी के किसी नेता का कुछ अता-पता नहीं था, आग लगते ही क्या हुआ?
मथुरा में बैठे कैसे-कैसे संत और तपस्वी, जानता कोई-कोई, मन-मस्तिष्क में सोच लें, होता वही, नहीं टाल सकता कोई।
मथुरा में हर धर्म-जाति-संप्रदाय के ज्यादातर लोग भले हैं, श्रद्धालु भी भले ही आते हैं, जिनमें मगरमच्छ घुस जाते हैं।
ओ माय गॉड, बंसी वारे के मुख से निकला, बंसीवारा दिखा रहा चेन स्नेचिंग के पीछे सफ़ेदपोशों की कितनी लंबी चेन?
पैरोडी गीत- बंसी वारे के गीतों में मथुरा की कहानियां हैं, कलियों का बचपन है और फूलों की जवानियां हैं (हैं? यस!)
ये ज़मीं गा रही है, ये आस्मां गा रहा है, साथ बंसी वारे के बंसीवारा गा रहा है, जब सबको ये विश्वास आ रहा है तो?
मठाधीशों का मठाधीश बंसीवारा, कप्तानों का कप्तान बंसीवारा तब सुनता, जब सुनती आल्हादिनी शक्ति श्री राधे!
यमुना पर राजेश ने जैसे ही उछाला स्टंप, लुटेरे ले गए जंप, ऐसे ही किसी ने जिस दिन उठा ली हॉकी, बचा पाएगी चौकी?
यह चौकियां-यह थाने जनता के लिए बेगाने, लुटेरों के लिए नाच-गाने, लुटेरों को कोई घेरे तो बचाने आए पूरी चौकी?
जनता चौंकी- बंसी वारे की चेन टूटने के बाद पूर्व कप्तान खुलवा गए मन्दिर के नीचे चौकी, आज तक किसे पकड़ा?
पैरोडी शेर- मुझको मिटा सको तो मिटा दो बसद खुशी, लेकिन कभी-कभी मैं बहुत याद आऊंगा। (खुशी के साथ)
हमारे न जाने कितने जन्मों के पुण्य उदय हुए होंगे, तब हरि ने हमें अपने घर में रखा होगा, हम कर रहे हरि से दगा?
देश और प्रदेश में कुछ होता नहीं है, सब कुछ सत्ता के भूखे भेड़ियों द्वारा कराया जाता है, 6 दिसम्बर का नाटक पूर्ण!
वह अपना हक़ समझते हैं निवाला छीन लेने को, डकैती को बहुत सारे लोग मजदूरी समझते हैं। (ठेकेदार/सरकार)
आम जनता की पसीने की कमाई को लुटवाकर जो राजा/महाराजा बने फिर रहे, उनको लूटने का ठेका बंसी वारे का।
लूट-हत्या-डकैती-ब्लैकमेलिंग-बलात्कार, सत्ता के हथियार, पहले भी होते थे क्या, भाईयों से तो बहनजी अच्छी थीं?
कंस नगरी का ठेकेदार ऐसा हो सकता है, हर कोई यह सोच सकता है, सरकार ऐसी हो सकती है, किसी ने नहीं सोचा था
न पूछो ठेकेदार और सरकारों ने कराए कुत्सित प्रयास क्या-क्या, सहज न कर पाए कोई भरोसा, कराए कुकृत्य ऐसे-ऐसे
न गड्ढा मुक्त साफ़-सुथरी सड़कें, न कोई यातायात व्यवस्था, मथुरा में लूटने/लुटवाने, मारने/मरवाने की हर व्यवस्था?
भारत में छाया घनघोर भ्रष्टाचार, समाज के सारे प्रहरी दिख रहे लिप्त, कौंधता सवाल- "मेरे देश का भविष्य क्या होगा?"
जो भी अपने दायित्व का सत्य-निष्ठा और पूरी ईमानदारी से करता निर्वहन, उसका हर भार बंसीवारा स्वयं करता वहन!
टैक्स या चौथ वसूली? मथुरा-वृन्दावन नगर निगम से नहीं हो पा रही जलापूर्ति, सफाई भी होती नहीं, किसका टैक्स?
जन-जन को लेना होगा संकल्प- "किसी श्रद्धालु को अपने सामने नहीं देंगे लुटने, लुटेरों के आगे नहीं देंगे झुकने घुटने!"
आपका अपना नेटवर्क, टीटीआई न्यूज़- जगन्नाथ रथयात्रा, अभी तो सिर्फ झांकी है, पूरी पिक्चर आनी अभी बाकी है!
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