मथुरा-वृन्दावन में जो अब तक नहीं हुआ, वह होने जा रहा है, इसलिए किया जा रहा भ्रामक प्रचार और रचे जा रहे कुचक्र

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मथुरा-वृन्दावन में जो अब तक नहीं हुआ, वह होने जा रहा है, इसलिए किया जा रहा भ्रामक प्रचार और रचे जा रहे कुचक्र 

 

मथुरा 20 अप्रैल 2023

मथुरा-वृन्दावन मेयर पद के समाजवादी पार्टी उम्मीदवार पण्डित तुलसीराम शर्मा ने अपना पर्चा वापस लिए जाने को खबर को गलत और निराधार बताया है और कहा है कि उन्होंने कोई पर्चा वापस नहीं लिया है। वह चुनाव लड़ रहे हैं और आम जनमानस से मिल रहे भरपूर आशीर्वाद की बदौलत हर हाल में जीत भी रहे हैं और सत्ता को अपनी नाक कटती नजर आ रही है क्योंकि मथुरा-वृन्दावन उसके सबसे टॉप टारगेट पर है। इसीलिए उन्हें रोकने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। तमाम प्रपंच रचे जा रहे हैं, जिससे वह घबरा जाएं और मैदान छोड़ जाएं। अभी सिर्फ यही कहेंगे, आने वाले समय में आप देखेंगे कि मेरे विरुद्ध कुचक्र रचने वाले और मुझ पर पर्चा वापस लेने का दबाव डालने वाले खुद बेनकाब हो रहे हैं क्योंकि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं है।

श्री शर्मा ने कहा कि उन्हें परेशानियां देने की शुरुआत उनके नामांकन करने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचने के बाद से हुई है। वह घर से नामांकन पत्र भरकर दाखिल करने के लिए पहुंचे तो प्रशासन सत्ता के भारी दबाव में नजर आया। उनकी गाड़ी अंदर नहीं जाने दी गई जबकि मंत्री संदीप सिंह और सांसद हेमा मालिनी सहित भाजपा के अन्य नेताओं की गाड़ियां अंदर जाने दी गईं। इतना ही नहीं सत्ता के आगे अधिकारी संत्री बने खड़े नजर आए जबकि निर्वाचन आयोग के इस संबंध में स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी को कोई एक्स्ट्रा फैसिलिटी नहीं दी जाएगी। लेकिन यहां तो पूरा सिस्टम जैसे भाजपा का जेबी संगठन हो गया है।

पर्चा दाखिल करने पर मतदाता सूची के आधार पर उसमें तमाम मीन-मेख निकाल दिए गए जबकि 4 दिन पहले ली गई प्रमाणित मतदाता सूची के आधार पर उनके द्वारा नामांकन भरा गया था, जिसमें उनका नाम 47 नंबर पर था मगर रिटर्निंग ऑफिसर के पास जो मतदाता सूची थी, उसमें उनका नाम 46 नंबर पर आ गया था। प्रस्तावक के नाम में भी मिस्टेक निकाल दी गई तो क्या मतदाता सूचियों से छेड़छाड़ चल रही है? यदि ऐसा हो रहा है तो इसे समाजवादी पार्टी किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। पिछले स्थानीय निकाय चुनाव में भी मशीनरी ने सत्ता के दबाव में काफी फेरबदल किए थे, वह इस बार किसी कीमत पर नहीं चल पाएगा। हमने सारी जानकारियां जुटा ली हैं, कहां-कहां पर क्या-क्या गड़बड़ियां की गई थीं? चुनाव में मनमानी कराने के लिए कौन-कौन से अधिकारी यहां पर कब से रोक कर रखे गए हैं? इस संबंध में निर्वाचन आयोग से अलग से बात की जा रही है। यदि किसी के द्वारा उनके मतदाताओं को मतदान से किसी भी तरह से वंचित किया जाता है तो इसे किसी कीमत पर कदापि स्वीकार नहीं किया जाएगा। पहले अनेक मतदान केंद्रों पर बदली हुई मतदाता सूचियां रखी गई थीं और काफी लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने से वंचित रह गए थे, जिसकी वजह से ही वह यहां से जीत पाए थे। पोस्टल बैलट पेपर के चुनाव में यहां से सत्ता के प्रत्याशी मेयर का चुनाव हारे थे जबकि ईवीएम की काउंटिंग में वह जीते थे। गड़बड़ी के प्रमाण स्वरूप इतना कहना काफी है। इस बार ऐसा हुआ तो सत्ता की ईंट से ईंट बजा दी जाएगी।

यदि सत्तारूढ़ दल को इतना ही भरोसा है कि वह जीत रहा है तो फिर चुनाव बैलेट पेपर से क्यों नहीं करवा देता, दूध का दूध और पानी का पानी खुद-ब-खुद हो जाएगा।

अब जब सत्ता को दिख रहा है कि जो गड़बड़ियां वह कराता आया है, वह इस बार कारगर नहीं होंगी क्योंकि काठ की हड़िया हर बार नहीं चढ़ती और ऊपर से उसका पत्ता और लोगों को अखर रहा है, जिसे जिताने के लिए सत्ता हर हथकंडा अपना आ रही है, जिससे वह मैदान छोड़ जाएं। सत्ता के कितने नेता यहां पर डेरा डाले हुए हैं यह भी उन्हें पता है। इतने नेता कहीं पर कब डेरा डालते हैं, यह भी सबको पता है। लेकिन वह मैदान छोड़ने वाले नहीं हैं, मैदान मारने वाले हैं। इसीलिए तो उनके विरुद्ध घिनौने कुचक्र रचे जा रहे हैं। लेकिन ऐसे कुचक्रों से उनका कुछ बिगड़ने वाला नहीं है वरन इनसे हम और मजबूत होंगे क्योंकि सांच को कभी आंच नहीं आती है।

उन्होंने कहा कि आज जनता के समक्ष जो अन्य चेहरे हैं, उन्हें जनता बखूबी जानती है और पहले से आजमा भी चुकी है। उनके सामने नया, ईमानदार, टिकाऊ, अनुभवी और व्यवहार कुशल चेहरा एक उन्हीं का है, जिसे हताश करने के कुत्सित प्रयास कभी सफल नहीं होंगे।

मथुरा-वृन्दावन मेयर चुनाव में इस बार वह होने जा रहा है, जो आज तक कभी नहीं हुआ क्योंकि भाजपा के शासन और निगम के कार्यकाल को जनता बखूबी देख चुकी है और अभी आगे भी देखेगी क्योंकि सरकार उनकी अभी कहां जाने वाली है? यह स्थानीय स्तर का चुनाव है। इस चुनाव में जनता दलगत राजनीति से ऊपर उठकर प्रत्याशी को विशेष रुप से देख रही है और मौजूदा परिस्थितियों में उसका झुकाव हमारी तरफ स्पष्ट दृष्टिगोचर हो रहा है। सत्ता को देखने के लिए तो उससे जुड़ा वह वर्ग ही काफी है जो प्रत्याशी द्वारा किए जाने वाले दुर्व्यवहार से काफी आहत है। कॉन्ग्रेस को जनता पहले ही पहले देख चुकी है। उसमें भारी फूट है और किस प्रत्याशी को कौन अपने किस लाभ के लिए लड़ा रहा है? यह भी जनता बखूबी जानती है और यह भी जानती है कि सत्ता से उनका क्या घालमेल है? जब हर वर्ग सिर्फ उन्हीं की और आशा भरी नजरों से देख रहा है तो उनके विरुद्ध सारी हदें लांघी जा रही हैं और उनके बारे में पर्चा वापस लेने आदि भ्रामक एवं अनर्गल प्रचार किया जा रहा है।

श्री शर्मा ने कहा कि वह सबको साथ लेकर चले हैं और आगे भी सबको साथ लेकर चलेंगे। चुनाव जीतने के बाद किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। सभी के साथ समान व्यवहार होगा। विकास का पहिया रुकेगा नहीं और मथुरा-वृन्दावन में एक अच्छी व्यवस्था देने का प्रयास दिल-ओ-जान से करेंगे और इन शहरों का देखने-दिखाने लायक विकास होगा, चाहे इसके लिए सरकार या इच्छुक दानदाताओं से भीख ही क्यों ना मांगनी पड़े। नाले-नालियां सब कायदे से साफ होंगे, गंदगी दूर होगी, मथुरा-वृन्दावन जलभराव की समस्या से मुक्त कराए जाएंगे। इसलिए सत्ता वाले हमारा सहयोग करें।

सपा प्रत्याशी ने कहा कि मथुरा-वृन्दावन नगर निगम की गरीब जनता पर करों में वृद्धि की मार तैयार है, बस उसे सत्तारूढ़ पार्टी के जीतने का इंतजार है। 

लेकिन उनके रहते ऐसा कभी नहीं होगा। वह जनता को सच्चे हृदय से यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि वह सच्ची सेवा के लिए आए हैं, जिसके लिए उन्होंने मन ही मन गरीबों के ऊपर से जल कर और गृह कर की मार हटाने या कम से कम रखने का भी निर्णय ले लिया है, जिसे जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाया जाएगा।

श्री शर्मा ने कहा कि जिस दिन वह शपथ लेंगे, उस दिन से मथुरा-वृन्दावन के वासियों के दिन फिर जाएंगे। यह मैं विश्वास दिलाता हूं और यहां देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को भी एक अच्छा एहसास होगा। इसका भी मैं पूर्ण विश्वास दिलाता हूं। सब अच्छा होगा। ऊपर वाले ने हमें अच्छा करने के लिए इस धरा पर भेजा है। हम अच्छा करेंगे। अगर अच्छा न कर सके तो बुरा भी किसी का हम नहीं करेंगे और यदि हमें यह लगा कि हम अपने पद के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं तो हम उसी दिन अपना त्यागपत्र भी दे देंगे, कुर्सी से चिपके नहीं रहेंगे। हमने यह सारी बातें केवल दिखावे को नहीं कहीं वरन दिल से कही हैं। हमारा मीडिया भी सहयोग करे, हमारे बारे में किसी भी प्रकार की खबर प्रकाशित व प्रसारित करने से पहले कम से कम हमारा पक्ष तो जान लिया जाए, जो मीडिया का धर्म है। यही प्रार्थना है जनहित में हमारा सहयोग कीजिए और हम आपको यह विश्वास दिलाते हैं कि हमारे कार्यकाल में मीडिया का भी सम्मान रहेगा।

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