सोयाबीन से बना सोयामिल्क और सोयापनीर

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प्रस्तुति - संजय गोविल

सोयाबीन दाल की एक ऐसी किस्म, जो प्रोटीन से भरपूर है, सोयाबीन है। अधिक मात्रा में प्रोटीन होने के कारण इसका पोषक मान बहुत अधिक होता है। प्रोटीन के साथ-साथ इसमें विटामिन और खनिज तथा विटामिन ‘बी’ कामप्लेक्स और विटामिन ‘ई ’ काफी अधिक मात्रा में होता है, जो शरीर निर्माण के लिए आवश्यक एमिनो ऐसिड प्रदान करते है । हकीकत तो यह है कि सोयाबीन में दूध, अंडा तथा मांस से भी अधिक प्रोटीन होता है। अपने इन गुणों के अनुरूप सोयाबीन में अनेक औषधीय गुण भी होते हैं। सोयाबीन में लाभदायक रसायन तथा, सैपोनिन, साइटोस्टेरोल तथा फेनोलिक एसिड जैसे कैंसर विरोधी, हृदयाघात विरोधी तथा स्वास्थ्यवर्धक तत्व होते हैं। इसमें स्तन कैंसर रोकने तथा अन्य स्वास्थ्य लाभ करवाने वाले गुण होते हैं। सोयाबीन के बीजों को अंकुरित कर खाने से त्वचा का रंग साफ होता है, शारीरिक वृद्धि तेजी से होती है, कब्ज दूर होता है और दूसरी बीमारियां दूर भागती हैं। सोयाबीन का दूध कई बीमारियों मे लाभदायक है। यह दूध गाय के दूध की तुलना में किसी प्रकार से कम नहीं। बच्चों के लिए यह अत्यंत पौष्टिक है। आंतों को स्वस्थ रखने के लिए यह दूध अत्यंत उपयोगी है। इसकी दही भी स्वास्थ्यवर्धक है। इसके सेवन से रक्त वाहिनियों में कोलेस्ट्रोल का जमाव नहीं होता और शरीर की कोशिकाओं के समस्त कार्यकलापों को यह ठीक रखता है। मधुमेह, त्वचा रोग, हृदय रोग, कैंसर, रक्ताल्पता में यह लाभकारी है। त्वचा रोग: सोयाबीन के बीजों को अंकुरित कर खाने से एग्ज़िमा और अन्य त्वचा रोग ठीक होते हैं। मधुमेह: सोयाबीन का दूध पीने से, या अंकुरित सोयाबीन खाने से मधुमेह के रोगियों को लाभ होता है, क्योंकि इसमें स्टार्च नहीं के बराबर होता है। इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स, शरीर में बिना शर्करा पैदा किये, गर्मी और ऊर्जा पैदा करता है। कैंसर: हर प्रकार के कैंसर में सोयाबीन का किसी भी रूप में उपयोग लाभकारी है। स्तन कैंसर, मुख, आंतों के कैंसर में यह विशेष लाभकारी है। रक्ताल्पता: सोयाबीन में लोहा भी बहुत अधिक मात्रा में होता है। इसलिए रक्त की कमी को पूरा करने में यह अधिक लाभकारी है। जिन रोगियों की पाचन शक्ति कमजोर है, उन्हें सोयाबीन के दूध का उपयोग करना चाहिए, खाने के रूप में नहीं। हृदय रोग: क्योंकि सोयाबीन में कोलेस्ट्रोल नहीं होता, इसलिए हृदय रोगियों के लिए सोयाबीन लाभकारी है। दिल को ताकत देता है। अन्य उपयोग: आटा, हरी फलियां, अंकुरित दाने और तेल के रूप में भी सोयाबीन का इस्तेमाल किया जाता है। सोयाबीन को भून कर और छिलका उतार कर, पीस कर आटा तैयार किया जाता है, जो बहुत ही स्वास्थ्यवर्द्धक होता है।

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