2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे डॉ मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन, देश में शोक की लहर
गुनाह करने से गुनाह कराना बड़ा गुनाह, बंसी वारे के साथ गुनाह और बड़ा गुनाह, मन्दिर में गुनाह और भी बड़ा गुनाह
लाख कोशिशों के बावजूद उस सच्चे बंसी वारे का कभी बाल बांका नहीं होता है, बंसीवारा जिसके साथ रहता है।
जंगल या वीराने में कंकड़-पत्थर लेकर सच्चे मन से करना पूजा, प्रभु वहीं आकर देंगे फल- श्री शरणानंद जी महाराज
मात-पिता बैरी भए, जिन न पढ़ाए बाल- वह माता-पिता दुश्मन हुए, जिन्होंने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दी
बंसीवारा दया करता है, इसका मतलब यह नहीं कि कोई गुनाह पर गुनाह किए जाए और बंसी वारा दया पर दया?
बंसी वारा बस यही गुनाह करता है, जिस पर दया करता है, उसको लिखी भाले की चोट का, सुई से निस्तारण करता है
बंसीवारा नहीं कसाई, रखता शर्म और हया, जैसे किसी को न्यूनतम सज़ा दे न्यायाधीश, ऐसे ही पात्र पर कर देता दया।
अगर अहंकारी न होते तो भूखा नहीं रह जाता बंसीवारा, अहंकारी मेरा भोजन, बंसी वारे को बता रहा बंसी वारा।
बंसी वारे से आज बोला बंसीवारा- इंसान को सब जीवों से अतिरिक्त बुद्धि-विवेक और देता हूं, अहंकारी नहीं जानते?
खुद को धर्म परायण मानने वाली सरकारों की बुद्धि पर बंसीवारा खा रहा तरस- "धर्म और अधर्म का अंतर भूले!"
साबरमती फिल्म देखने के बाद सीएम ने बड़ा नेता बनने के लिए संभल में सुनियोजित दंगा कराया- अखिलेश यादव
चोरी और सीना जोरी जैसे वाक्य तो सच्ची कहानियों से समेट लिए मगर उन सच्ची कहानियों का करा रहे क्या?
विपक्ष का सत्ता को समर्पित शेर- हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता।
जिस लूट पर हर सच्चे भक्त और भगवान की सीधी नज़र, उसे जारी रखना चोरी और सीना जोरी नहीं तो और क्या?
इतना समय तो मोदी जी ने भी नहीं लिया था, तपस्या में कमी बता कृषि क़ानून वापस ले लिए, लूट नहीं रोक रहे?
एक बड़ी पुरानी कहावत है दूसरों के गुनाह गिनाने से अपने पाप कम नहीं हो जाते, उन पर गौर फरमाए योगी सरकार
चोरी और सीना चोरी करा रही खुद सरकार, अखिलेश को कर रही आरोपित, वर्तमान में क्या अखिलेश की सरकार?
जैसे मोबाइल चार्जर और हेडफोन आदि के साथ आता है, वैसे ही मनुष्य आता है, दूसरे के चार्जर/हेडफोन से दूर रहें
आज का विचार- प्रभु ने हमको बहुत कुछ दिया है, हम उसे देखने-समझने की बजाय दूसरे को देख इर्ष्या करते रहते हैं।
शारोन का गुलाब है, तू है मेरा मसीहा, तू मुझे जल देता, जिससे मैं तृप्त हो जाता।
तू है मेरा प्रिय, और मैं तुझसे प्रेम करूंगा, तू मेरा सब कुछ है और मैं तेरे लिए जी लूंगा।
छोटे का बुरा करना तो दूर सोचने पर भी बड़े-बड़ों को छोटा बना देता बंसीवारा, छोटे को कैसे छोटा बनाता बंसी वारा?
BANSI wara LIVE कह रहा- मुझको देखोगे जहां तक, मुझको पाओगे वहां तक, रास्तों से कारवां तक, मैं ही मैं हूं!
बड़ों को छोटा, छोटों को बड़ा बनाता बंसी वारा? छोटों से मानते जो बैर, हर लेता बुद्धि, खुद काट डालते अपने पैर।
बड़े दिन छोटा बनने की बात कर रहा बंसी वारा, भजन गा रहा- छोटा बने जो सो हरि पाए, छोटा दीपक जले रात भर, सूरज काम ना आए?
बड़े दिन की बड़ी अजब-गज़ब निराली बातें, बंसी वारे के पास कहां से आईं? बंसीवारा देता सीधी सप्लाई, हां सत्य!
कोई ईश्वर प्रदत्त ना माने तो प्रकृति प्रदत्त मान ले या परिश्रम प्रदत्त मान ले, अधिकारों के अलावा ओहदे के दायित्व भी हैं
संकल्प को सिद्ध कर बड़ा पद कोई भी प्राप्त कर सकता है, ओहदा जितना बड़ा होता है, सत्य-निष्ठा उससे बड़ी होती है।
जैसी सत्ताएं देश और प्रदेश में चल रही हैं, ऐसी सत्ताओं को जो चीमटे से भी छूना पसंद नहीं करते थे, वे कहलाए अटल
भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई को देश-दुनिया याद करती है, सत्ता में रहकर वे विपक्ष की चिंता करते थे
आज बड़े दिन का बड़ा ज्ञान- खोटे कर्म से कभी कोई खड़ा नहीं होता है, छोटे दिल से कभी कोई बड़ा नहीं होता है।
बड़ा दिन/बड़ा दिल सबको नहीं मिलता, कुछ लोग कहने के बड़े होते हैं, असल बड़े वह होते, जिनका दिल बड़ा होता है।
कबीर का बड़ा सुस्पष्ट दोहा- कबीरा जब हम आए, जग हंसा हम रोए, ऐसी करनी कर चलें, हम हंसें जग रोए।
जो कल थे आज नहीं हैं जो आज हैं कल नहीं होंगे होने ना होने का क्रम यूं ही चलता रहेगा हम थे हम हैं हम रहेंगे यह भ्रम भी यूं ही पलता रहेगा- अटल
एक बात किसी ने नहीं बताई होगी- "बंसीवारा खुद आपके घर आकर भी आपसे मिल सकता है, बशर्ते आप सच्चे हों!"
राजा हो या कि कोई चक्रवर्ती सम्राट, बंसी वारे को तो क्या उसकी मृत देह को नहीं लांघ सकता है, औंधे मुंह गिरेगा।
परिस्थितियों वश यदि कोई विरोध नहीं करता है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह समर्थक, सच्चे साधक धुर विरोधी
कोई पुरोहित नहीं चाहता श्रद्धालुओं से लूटमार का ठेका, पुरोहितों का प्रभु पर पूर्ण भरोसा, 4 चोट्टे लूट के पक्षधर
योगी ने विधानसभा में कही सभी प्रकार के माफियाओं को मिट्टी में मिलाने की बात, मथुरा के माफिया का लिया नाम?
बंसी वारों का ठेका? सत्ता लोलुपों को गर मुद्दों से ध्यान हटाना आता है, देश के सच्चे बंसी वारों को ध्यान दिलाना आता है!
आज का यह बब्बर शेर सुना रहा खुद बंसीवारा- "तू इधर-उधर की बात मत कर, यह बता के कारवां क्यों लुटा?"
योगी को समर्पित आज का शेर- उम्र भर करता रहा मैं, औरों पे तब्सरे, झांक कर गिरेबां में कभी अपने देखा ही नहीं।
चोरों के जो हैं हित, ठगों के बल हैं, जिनके प्रताप से पलते पाप सकल हैं, जो छल-प्रपंच सबको प्रश्रय देते हैं
या चाटुकार जिनकी सेवा लेते हैं, यह पाप उन्हीं के हैं। सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में पढ़ीं यह पंक्तियां
योगी ने माना कि पाप है और सकल है, यह भी बताया कि किसका है, यह नहीं बोले- सकल पाप अब भी रहा पल है।
बिजली चोरी बीजेपी वाले करते हैं और योगी छापामारी समाजवादियों पर कराते हैं- अखिलेश यादव पूर्व सीएम
आज की पैरोडी आरती- यह परम ग्रंथ, यह धर्म ग्रंथ, यह कर्म ग्रंथ, सन्मार्ग दिखाने वाला, बिगड़ों को सुधारने वाला।
बोल बंसी वारे की जय, बोल राधा रानी की जय, भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा टीटीआई न्यूज़ आपका अपना नेटवर्क
सच्ची आस लेकर जो आते पास, प्रभु कर देते उनको पास, ख़ास बनाने के बावजूद जो करते गड़बड़ियां, कर देते फेल।
रक्षक बनते राक्षस- प्रभु के पहरेदार जय और विजय ने कीं गड़बड़ियां, नहीं गए बख्शे, तीन जन्मों के लिए बने राक्षस।
सच्ची कहानी- बंसीवारा उठाता, बंसीवारा गिराता, बंसीवारा ही सुलाता, बंसीवारा ही जगाता, जग के वश में कुछ भी नहीं!
देश-दुनिया के लिए सबसे स्पष्ट विजन- एक मात्र बंसीवारा, जो सच्चे दिल से पुकारता, अनिवार्य रूप से मिलता सहारा
देश का सबसे बड़ा सवाल- धर्म स्थलों पर अधर्म, अब खुल रही मंगलसूत्र की कहानी, किसके पास जा रहे मंगलसूत्र?
प्रयागराज में आयोजित हो रहे कुंभ में जब भक्त पहुंचेगे तो भगवान भी आएंगे, ध्यान रहे- "कोई भी कुव्यवस्था ना रहे!"
ज़ेहन में कौंधता सवाल- जब देश के मन्दिर-मन्दिर का यह हाल तो मन्दिर-मन्दिर खेलने वालों का भविष्य क्या होगा?
सच्ची कहानी- भारत की विधायिका का सबसे ज़्यादा भ्रष्ट, एक मछली पूरे देश को कर रही गंदा, धर्म की आड़ में धंधा
खुद को भारत का भाग्य विधाता मान रहे सफेदपोश आज आए कुछ और निखर, रंग गोरे और कर्म गोरों से भी गिरे?
मेरा भारत महान- बारिश के जल भराव में डूबने का डर, गड्ढे में गिरने का डर, भगवान के सामने लुटने का डर, लुटेरे निडर
देश के मन्दिरों के खुलने लगे कुकर्मों के किस्से, धर्म स्थलों से चल रहे अधर्म के खेल, खेलों में बड़े-बड़े लोगों के हिस्से
रविवार को दाढ़ी-मूंछ बना सुदर्शन चक्र हाथ में ले बोला बंसीवारा- "ऐसे लुटेरों और ऐसी सरकारों में लगा दो आग!"
धर्म स्थल बने अधर्म स्थल, खोया-पाया और गिरा बताकर देश-दुनिया के श्रद्धालुओं को लुटवा रहे लुटेरे मन्दिर वाले?
टीटीआई न्यूज़ की ख़बरें दिखाने लगीं असर, श्रद्धालुओं के लुटेरे ठेकेदार और सरकारों की मिली भगत हो रही उजागर
भगवान को लाने की रट लगवाने वाली सरकार के शासन में मन्दिरों में श्रद्धालुओं से लूटमार पर रोक नहीं, संरक्षण और?
सभ्य समाज में ऐसा कोई नियम-क़ायदा-क़ानून स्वीकार नहीं किया जा सकता- "गिरी हुई वस्तु लौटाई नहीं जाएगी?"
खुली लूट- तमिलनाडु के तिरूपुर श्रीकंदस्वामी मन्दिर की दान पेटी में गिरा श्रद्धालु का आईफोन हो गया मन्दिर का
बदायूं के बिल्सी भाजपा विधायक हरीश शाक्य समेत 3 के विरुद्ध सामूहिक दुष्कर्म और जमीन कब्जाने की रिपोर्ट दर्ज
बंसी वारे के जरिए बंसीवारा दिखा रहा अपने बच्चों को राह, जो चाहे पकड़ ले, सच्चाई/भलाई की राह, नहीं चलनी चाह।
किसी सच्चे बंसीवारे से कभी मज़े मत लेना, उसे मज़ाक मत समझ लेना, बंसी वारा मज़ाक बना कर रख देता है।
पैरोडी शेर- बंसीवारे को पाना नहीं आसान, बस इतना ही समझ लीजै, एक आग का दरिया है और डूब के जाना है!
बंसीवारा मिला तो हुआ एहसास, डूबकर गाने वाले ऐसे ही नहीं गाते- "मेरा दिल तो दीवाना हो गया, मुरली वाले तेरा!"
कोई अटका हुआ है पल शायद, वक्त में पड़ गया है बल शायद, दिल अगर है तो दर्द भी होगा, इसका कोई नहीं है हल शायद
बंसीवारों को कोई क्या लुटवाएगा, बच्चों को लूटने/लुटवाने वालों को मिट्टी में मिलाने का लिए बैठा संकल्प बंसीवारा
यस, गंभीर प्रकरण को लेकर दिखा रहा गंभीरता बंसीवारा, जन्मभूमि के दृश्य देख, नहीं दिखा रहा अधीरता बंसीवारा।
बंसीवारे ने नहीं किया कभी घमंड, न मारी किसी को टक्कर, जो बंसीवारे से टकराता, बंसीवारा कर देता उसे चकनाचूर!
सत्य वचन- अच्छे दिनों में अच्छा करने से बुरे दिन व्यापते नहीं, अच्छे दिनों में बुरा किया, बुरा कोई रोक नहीं सकता।
सच्ची कहानी- आजकल जो मीडिया वाले हैं, ज़्यादातर पक्ष या विपक्ष वाले हैं, होती रहे लूट, सब मिल पीने-खाने ताले हैं
श्री कृष्ण नगरी में फंसने-फंसाने का इंतजाम चल रहा है, देखो, मेरा भारत बदल रहा है, 'सब' से आगे चल रहा है?
बंसी वारा देख रहा- देख मंद-मंद मुस्कुरा रहा, बंसीवारा बड़े ध्यान से देखता- "अपनी टीटीआई न्यूज़ की सच्ची कहानी!"
मथुरा में फंसने-फंसाने का भी ठेका- किस के जरिए महिला पुरुष को फंसाती, शिकार के पीछे लग जाती फिर पूरी टीम
सच्चा पुरोहित कहता- मेरा यजमान मुझे मुंह मांगी दक्षिणा देता है, मैं उसकी घरवाली का मंगलसूत्र क्यों लुटवाऊं?
तीन लोक से न्यारी नगरी मथुरा का चोट्टा दल बेचैन, अनेक दलों के सफेदपोश/मठाधीशों का अपना दल, क्यों बेचैन?
सीएम योगी से विधायक की मुलाक़ात से परेशान चोट्टा दल, किस बात को लेकर हलचल, किस के पेट में पड़ गया बल?
श्री कृष्ण नगरी का मगरमच्छ कौन, मथुरा के चोट्टों के पीछे लगा किसका बल, किसके इशारे पर चोट्टा रहे इतने मचल?
चुनाव जीतते ही तुड़वाई सासू मां की चेन, अब करा दिखाई
ससुराल में चोरी, मांट विधायक राजेश चौधरी के पीछे चोट्टा दल
टीटीआई न्यूज़ यूट्यूब चैनल पर जितनी भी सच्ची कहानियां हैं, देखकर लाइक करने का धर्म हर सच्चा इंसान निभाए तो
टीटीआई न्यूज़ संकल्पित- आईना समाज का हम यूं ही दिखाते रहेंगे, मिलेंगे जैसे चेहरे, वैसे ही उन्हें दिखाते रहेंगे।
संबल मिला अगर आपका, सच को सामने लाते रहेंगे, गूंगे जनमानस की आवाज़ को चीख हम बनाते रहेंगे।
किसे कर देता माफ़? जो जवानी में करते भक्ति, अशक्त होने के बावजूद करते दान-धर्म, कर देता माफ़ बंसीवारा
सत्य- जो दलबल के साथ होता, उसका नहीं होता बंसीवारा, निर्बल/निर्दल का सदैव साथी, देता प्रति क्षण साथ बंसीवारा
पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी और बंसी वारे ने बगैर घुंघरु नाच दिखाया, नाचता खुद बंसीवारा, किसको नज़र आया?
पैरोडी- पराई नार से पराए धन का हरण बुरी आदत है, ये आदत अभी बदल डालो, ये आदत वो आदत है, इक दिन घर फूंके
गीत- आपका तो लगता है बस यही सपना, राम-राम जपना, पराया माल अपना, वतन का खाया नमक तो नमक हलाल बनो
मथुरा-वृन्दावन में गले में डली झोली में माला डालकर चलने वाले सभी भक्त नहीं होते, ऐसे ही कुछ लुटेरे भी चल रहे हैं!
आजकल के चेलों की सच्ची कहानी- गुरु-गुरु कर आते, पैर छूते, गुरु को पलट, गुरु की गद्दी पर बैठ, खुद गुरु बन जाते!
अपने हृदय के हर प्यारे से कहता सिर्फ यही हर बार अखिल ब्रह्मांड नायक बंसीवारा- "ज़िंदगी में कभी घमंड मत करना!"
देशवासी कर रहे यह विचार- सरकारों ने लोगों को लूटा और लुटवाया, जनता का पैसा अपनी शान-ओ-शौकत पर बहाया
सच्ची कहानी- जिस-जिस ने बंसी वारों को लूटा/लुटवाया, बंसीवारा उनको अति भयंकर तरीके से लूटेगा/लुटवाएगा!
सेटेलाइट चैनल मलिक ने बंसीवारे को बुलाया- राजधानी से चैनल चला मेरे भाया, बंसीवारे ने कहा- मेरी मथुरा राजधानी
ताज़ा सच्ची कहानी- देश-दुनिया ही नहीं अखिल ब्रह्मांड का सब खेल मथुरा से है, सबसे बड़ा खिलाड़ी मथुरा का जो है।
जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं- राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त
बंसी वारा करता हर बंसी वारे का मूल्यांकन- "बता तू कौन सा फूल है?" कुछ महक भी है या सिर्फ़ कागज़ का फूल है?
फूल कई प्रकार के होते हैं और फूल-फूल में अंतर होता है, फूल का अर्थ पुष्प है, मगर फूल का अर्थ मूर्ख भी होता है!
जीवन एक कैलेंडर, आने की ही नहीं, जाने भी की तिथि तय, ग्रह-नक्षत्र, तिथि-वार, त्योहार सब कुछ पूर्व निर्धारित
समझाने पर रामवृक्ष ने भी बंसी वारे को धमकाया था- "हम मरने आए हैं, बच्चों को रखाओ!" फिर जो हुआ, सबको पता
बंसीवारा करता सच्चा न्याय- पापियों के कर दिए सारे पुण्य नष्ट, नहीं मिलेगा कोई अच्छा जन्म, पाप ही पाप होंगे भरने!
हाथ पैरों में जकड़ी जंजीरों और गले में बंधे तख्तों में फंसे मनोज कुमार और दिलीप कुमार जैसी बंसीवारे की कहानी
अपनों से नाता जोड़ेगा, गैरों के सर को फोड़ेगा, अपना ये वचन निभाएगा, माटी का क़र्ज़ चुकाएगा, आज़ाद वतन कर जाएगा।
बंसीवारा गा रहा- मेरा चना है अपनी मर्जी का, मर्जी का भई मर्जी का, यह दुश्मन है खुदगर्जी का गर्जी का भई गर्जी का।
टिट फॉर टेट बंसीवारा- सीधे के लिए सीधा, टेढ़े के लिए महा टेढ़ा बंसीवारा, बंसीवारे की किसी से कोई चाह नहीं
जिस बच्चे का माता-पिता को ख्याल रखना होता, उसी का रखते, जिसका नहीं रखना होता, उसे मनमानी करने देते।
जवाहर बाग़ आंदोलन के दौरान आज की सत्तारूढ़ पार्टी के किसी नेता का कुछ अता-पता नहीं था, आग लगते ही क्या हुआ?
सारा गोदी मीडिया, कितनी ओबी वैन बुला लीं, देने लगे धुंआ, किसी के प्यार की माला टूटी, हाथ उनके सरकार आई
जो सोच रहे उन पर नहीं किसी की नज़र, उनको क्या ख़बर उन पर सबसे बड़ी नज़र, हर हिस्से और हिस्सेदार की ख़बर
बंसी वारा गिरवाता-बनवाता सरकारें, बंसी वारे ने किसी के घर नहीं झांके, ना किसी के रहम-ओ-करम पर खाए फांके!
भोगा गया सत्य- कभी किसी को नहीं छेड़ता बंसीवारा, किसी ने बंसीवारे को छेड़ा तो किसी भाव नहीं छोड़ता बंसीवारा
अखिल ब्रह्मांड नायक की पावन भूमि/उसके भक्तों पर जो दांत गढ़ा बैठे, बंसीवारा बेसब्री से कर रहा उनकी प्रतीक्षा!
लूट मार के ठेकेदारों और सरकारों की सरदारी खा गई अनगिनत चैनल, बंसीवारा मांगेगा हर्जाना, दे नहीं पाएंगे!
सत्य- जो दूसरों की राहों में फूल बिछाता है, उसकी राहों में कोई कांटे बिछाता है तो बंसीवारा उन्हें फूलों में बदल देता है।
मथुरा में बैठे कैसे-कैसे संत और तपस्वी, जानता कोई-कोई, मन-मस्तिष्क में सोच लें, होता वही, नहीं टाल सकता कोई।
आज के समाचार माध्यमों को माध्यम मत समझना, अच्छा! फिर क्या समझें? बिकाऊ माल समझना, माल किसे कहते?
अब यह ना ले पूछ, यही सोच रहा था बंसीवारा, बंसी वारे ने वही लिया पूछ, कुछ माल, माल खींचने के लिए भी होते हैं।
मथुरा में हर धर्म-जाति-संप्रदाय के ज्यादातर लोग भले हैं, श्रद्धालु भी भले ही आते हैं, जिनमें मगरमच्छ घुस जाते हैं।
ओ माय गॉड, बंसी वारे के मुख से निकला, बंसीवारा दिखा रहा चेन स्नेचिंग के पीछे सफ़ेदपोशों की कितनी लंबी चेन?
"हिंदुओं" को डराने की नहीं, उनमें साहस भरने की जरूरत, डरे हुए तो बेचारे पहले से ही हैं, साहसी बनाने की जरूरत।
मेरा शेर- हॉं, मालिक जब पट्ठे के कंधे पर हाथ रखकर टहलता है, पट्ठे की हिम्मत कितनी बढ़ जाती है, मलिक समझता है!
बंसीवारे ने सुना था, बंसीवारा जिसके साथ होता, काल भी उसे माल खिलाता और कहता- "मलिक का मालिक कौन?"
मलिक का मालिक कोई नहीं होता, मालिक की मालकिन होती है, बंसी वारे की मालकिन कौन, नहीं जानते? श्री राधे!
आज फिर किसी ने बंसी वारे के लिए मारण क्रिया की होगी, मामूली सी खरोंच देकर करा रहा इसका एहसास बंसीवारा।
पैरोडी गीत- बंसी वारे के गीतों में मथुरा की कहानियां हैं, कलियों का बचपन है और फूलों की जवानियां हैं (हैं? यस!)
ये ज़मीं गा रही है, ये आस्मां गा रहा है, साथ बंसी वारे के बंसीवारा गा रहा है, जब सबको ये विश्वास आ रहा है तो?
गाओ- हम हैं राही प्यार के, चलना अपना काम, पल भर में हो जाएगी हर मुश्किल आसान, हौसला ना हारेंगे, हम तो बाजी मारेंगे!
मठाधीशों का मठाधीश बंसीवारा, कप्तानों का कप्तान बंसीवारा तब सुनता, जब सुनती आल्हादिनी शक्ति श्री राधे!
अलबेली सरकार कौन, नहीं पता? राधे अलबेली सरकार! जपे जा राधे-राधे, तैनै राधे नाम न गायो, फिर कृष्ण कहां से आयो?
चेन स्नैचर्स गिरोह ठेकेदार और उसकी संरक्षक सरकारों, रोको, जितना जी चाहे, रोको, अगर रोक सको तो रोको-
ऐसा करतब बंसी वारा ही दिखा सकता है, स्टंप घुमाकर फेंके और स्टंप बुर्जी पर टिक जाए, यमुना मैया को न लगे?
यमुना किनारे के राजेश ने जैसे ही उछाला स्टंप, लुटेरे ले गए जंप, ऐसे ही किसी ने उठा ली हॉकी, नहीं बचा पाएगी चौकी
यह चौकियां-यह थाने जनता के लिए बेगाने, लुटेरों के लिए नाच-गाने, लुटेरों को कोई घेरे तो बचाने आए पूरी चौकी?
जनता चौंकी- बंसी वारे की चेन टूटने के बाद पूर्व कप्तान खुलवा गए मन्दिर के नीचे चौकी, आज तक किसे पकड़ा?
मथुरा छुड़वाने/मारने/मरवाने के किए कितने प्रयास, नहीं हुए सफल तो समझ लो- बैकफायर कभी भी हो सकता है।
पैरोडी शेर- मुझको मिटा सको तो मिटा दो बसद खुशी, लेकिन कभी-कभी मैं बहुत याद आऊंगा। (खुशी के साथ)
हमारे न जाने कितने जन्मों के पुण्य उदय हुए होंगे, तब हरि ने हमें अपने घर में रखा होगा, हम कर रहे हरि से दगा?
दशकों में मिली सत्ता का नतीजा, जनता को बुरी तरह लूटने पर आमादा भाजपा, 204 की जगह साढ़े तेरह हज़ार टैक्स
देश और प्रदेश में कुछ होता नहीं है, सब कुछ सत्ता के भूखे भेड़ियों द्वारा कराया जाता है, 6 दिसम्बर का नाटक पूर्ण!
वह अपना हक़ समझते हैं निवाला छीन लेने को, डकैती को बहुत सारे लोग मजदूरी समझते हैं। (ठेकेदार/सरकार)
आम जनता की पसीने की कमाई को लुटवाकर जो राजा/महाराजा बने फिर रहे, उनको लूटने का ठेका बंसी वारे का।
जिस-जिस ने हड़पी होगी बंसी वारों की संपत्ति, भले-चंगे दिख भले लें मगर उनको घेरे होंगी अवश्य घनघोर विपत्ति।
मथुरा के सफेदपोशों ने लूटमार, जुआ-सट्टा, ब्लैकमेलिंग और नशाखोरी से बनाई अकूत संपत्ति, चला बुलडोजर?
लूट-हत्या-डकैती-ब्लैकमेलिंग-बलात्कार, सत्ता के हथियार, पहले भी होते थे क्या भाईयों से तो बहनजी अच्छी थीं?
कोई भी सच्चा धर्म परायण अधर्मी का कभी नहीं कर सकता समर्थन, भले साथ न दिखे, मन ही मन करता प्रार्थना।
लालच में आकर जो अपने फ़र्ज़ से दगा करते, उनसे कभी सटा नहीं होता बंसीवारा, कदम-कदम पर बिखेर देता दगा।
अपने यारों से हम तो कहते हैं, अपने प्यारों से हम तो कहते हैं- "हुनर जीने का हमसे सीखो, हम बुजुर्गों में बैठे बहुत हैं।"
कंस नगरी का ठेकेदार ऐसा हो सकता है, हर कोई सोच सकता है, सरकार ऐसी हो सकती है, किसी ने नहीं सोचा होगा।
अंतर्मन में भक्तों का गुबार भरा, फिर भी बंसी वारा कर रहा किसका स्वागत- "आईए, आप का ही हमको इंतजार था!"
न पूछो ठेकेदार और सरकारों ने कराए कुत्सित प्रयास क्या-क्या, सहज न कर पाए कोई भरोसा, कराए कुकृत्य ऐसे-ऐसे
कितना अविश्वसनीय लगता है मगर है 100 फीसदी सत्य- धर्म परायण सरकार के राज्य में मन्दिरों में लूट का ठेका?
बेहद शर्मनाक- सवा दो साल से चल रही चेन स्नेचिंग की सच्ची कहानी, ठेकेदार और सरकारें अब तक शर्मसार नहीं
न गड्ढा मुक्त साफ-सुथरी सड़कें, न कोई यातायात व्यवस्था, मथुरा में लूटने/लुटवाने, मारने/मरवाने की प्रत्येक व्यवस्था?
भारत में छाया घनघोर भ्रष्टाचार, समाज के सारे प्रहरी दिख रहे लिप्त, कौंधता सवाल- "मेरे देश का भविष्य क्या होगा?"
ओ बंसी वारे तुझे बंसी वारा क्या-क्या बता देता है? मत पूछ क्या-क्या दिखा देता है, खेलने वालों से खेलता दिखा देता है-
डरो- जो डरे, उसे डराना, बंसी वारे के पास मत आना, वरना डरते-डरते पड़ेगा जाना, बंसीवारा मिलेगा लेकर प्लग-पाना!
लूटने/लुटवाने वालों ने अब तक हज़ारों/लाखों नहीं कम से कम करोड़ों लोगों को लुटवाया होगा, अब तक पेट नहीं भरा
गुरु से कपट, मित्र से चोरी- जो गुरू से कपट और मित्र से दगा करता है, उसे बंसी वारा कभी सगा नहीं करता है।
जो भी अपने दायित्व का सत्य-निष्ठा और पूरी ईमानदारी से करता निर्वहन, उसका हर भार बंसीवारा स्वयं करता वहन!
लूटने और लुटवाने वालों ने ठेके की आड़ में न पूछो, किए अपराध क्या-क्या, कहीं ये ज़मीं-आस्मॉं हिल न जाए?
टैक्स या चौथ वसूली? मथुरा-वृन्दावन नगर निगम से नहीं हो पा रही जलापूर्ति, सफाई भी होती नहीं, किसका टैक्स?
जन-जन को लेना होगा संकल्प- "किसी श्रद्धालु को अपने सामने नहीं देंगे लुटने, लुटेरों के आगे नहीं देंगे झुकने घुटने!"
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