विधिक साक्षरता शिविर - जनकल्याणकारी योजनाओं की दी जानकारी

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 "आजादी का अमृत महोत्सव” कार्यक्रम के अन्तर्गत उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा श्री विवेक संगल जी के निर्देशानुसार एक विधिक साक्षरता एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन संविलित विद्यालय, अमीरपुर, विकास खण्ड बल्देव, मथुरा में आज दिनांक 06.10.2021 को मध्यान्ह 12.00 बजे से किया गया, जिसकी अध्यक्षता सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा की गई। इस अवसर पर महावन तहसीलदार श्री अजीत कुमार, सहायक खण्ड विकास अधिकारी बल्देव श्री महेश चन्द, तहसील विधिक सेवा समिति महावन के पैनल अधिवक्ता श्री दिनेश कमार शर्मा, लेखपाल श्री डालचन्द, संविलित विद्यालय, अमीरपुर की प्रधानाचार्या श्रीमती कान्ता देवी सहित ग्राम प्रधान, विद्यालय की छात्रायें व महिला जनसमूह एकत्रित रहा। इस विधिक साक्षरता शिविर का मुख्य विषय “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं” रहा |

 कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती बंदना गाकर किया गया तथा बालिकाओं द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के विषय पर नुक्कड़-नाटक प्रस्तुत किया गया।

क्षेत्रीय लेखपाल श्री डालचन्द द्वारा उपस्थित जनसमूह को तहसील स्तर पर जारी कृषक दुर्घटना योजना, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना आदि से अवगत कराया गया । 

तहसील विधिक सेवा समिति, महावन के पैनल अधिवक्ता श्री दिनेश कुमार शर्मा द्वारा लोक अदालतों व विधिक साक्षरता शिविरों के महत्व पर प्रकाश डाला गया ।

 तहसीलदार महावन श्री अजीत कुमार द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव का महत्व बताते हुए, तहसील स्तर पर जारी प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति सुरक्षा योजना, वृद्धावस्थ पेंशन, विधवा पेंशन, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना आदि पर विस्तार पूर्वक बताया गया। 

सहायक खण्ड विकास अधिकारी बल्देव श्री महेश चन्द द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चल रही योजनाओं के सम्बंध में बताते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, पैंशन, मनरेगा, स्वयं सहायता समूह योजना, समूह सखी योजना आदि पर प्रकाश डाला गया। 

विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा की सचिव सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना पर जानकारी देते हुए बताया गया कि सरकार द्वारा देश की बेटियों का भविष्य उज्जवल बनाने के लिए समय-समय पर कई योजनाएं आरम्भ की जाती हैं। इसी क्रम में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का आरम्भ 22 जनवरी 2015 को किया गया। इस योजना के अन्तर्गत बेटी के माता-पित्ता को बेटी का बैंक एकाउन्ट किसी राष्ट्रीय बैंक या फिर नजदीकी पोस्ट ऑफिस में खुलवाना होगा। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को हमारे देश की बेटियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए और उनका भविष्य उज्जवल बनाने के लिए आरम्भ किया गया है। सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा बताया गया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत दस वर्ष तक की बालिकाओं के लिए सुकन्या समृद्धि योजना की सुविधा भी सरकार उपलब्ध करा रही है|

 कन्या भ्रूण हत्या रोके जाने के सम्बंध में सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा बताया गया कि सबसे पहले तो हमारे समाज की सोच को बदलना होगा क्योंकि आप खुद ही सोचिये कि अगर एक लड़की नहीं होगी तो बहन, पत्नी, मॉ और भी कई तरह के रिश्ते किस प्रकार से निभाऐंगे। समाज की मान्यता है कि वंश चलाने के लिए लड़का जरूरी है, मगर घर परिवार में लड़की की भी उतनी ही महत्वता होती है जितनी कि एक लड़के की। एक लड़की भी अपने परिवार का भरणपोषण कर सकती है। इसी के साथ हमारे रूडीवादी और पिछड़े समाज को भी लड़का व लड़की में अंतर नहीं करना चाहिए। सरकार लड़का और लड़की में कोई अन्तर नहीं करती और उन्हें बराबरी का दर्जा मिल रहा है तो फिर आप और हम मिलकर उस कन्या की भ्रूण हत्या क्यों करते है जिसने अभी इस दुनिया में कदम ही नहीं रखा है। जन्म के समय हमें उस कन्या का लक्ष्मी की तरह स्वागत करना चाहिए। बालिकायें / महिलायें हर क्षेत्र में पुरूषों के बराबर यागदान दे रहीं हैं। 

पूर्व गर्माधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT Act) के सम्बंध में सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा बताया गया कि भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है। इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस एक्ट के तहत जनम से पूर्व शिशु के लिए की जाँच पर पाबंदी है । ऐसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले जोड़े या करने वाले डाक्टर, लैव कर्मी को तीन से पॉच साल और 10 से 50 हजार जुर्माने की सजा का प्रावधान है | 

घरेलू हिंसा कानून के सम्बंध में सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा बताया गया कि किसी महिला के साथ घर की चारदिवारी के अन्दर होने वाली किसी भी तरह की हिंसा, मारपीट, उत्पीड़न आदि के मामले इसी कानून के तहत आते हैं। घरेलू हिंसा अधिनियम का निर्माण 2005 में किया गया और 26 अक्टूबर 2006 से इसे देश में लागू किया गया। इसका मकसद घरेलू रिश्तों में हिंसा झेल रहीं महिलाओं को तत्काल और आपातकालीन राहत पहुँचाना है। यह कानून महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाता है। यह भारत में पहला ऐसा कानून है जो महिलाओं को अपने घर में रहने का अधिकार देता है। घरेलू हिंसा विरोधी कानून के तहत पीड़िता मारपीट, यौन शोषण, आर्थिक शोषण या फिर अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल की परिस्थिति में कार्रवाई कर सकती है। घरेलू हिंसा से पीड़ित कोई भी महिला अदालत में जज के समक्ष स्वयं या वकील, सेवा प्रदान करने वाली संस्था या संरक्षण अधिकारी की मदद से अपनी सुरक्षा के लिए बचावकारी आदेश ले सकती है |

सचिव सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा लोक अदालतें, मध्यस्थता केन्द्र, ए.डी.आर. सेन्टर, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना आदि विधिक विषयों पर प्रकाश डाला गया।

 

 विधिक साक्षरता शिविर के अंत में सहायक खण्ड विकास अधिकारी बल्देव श्री महेश चन्द द्वारा उपस्थित सभी अतिथियों व जनसमूह का धन्यवाद ज्ञापन किया गया। 

 

उक्त के अतिरिक्त आज दिनांक 06.10.2021 को आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में विकास खण्ड गोवर्धन, राया, नंदगांव, चौमूँहा, फरह, छाता में एक-एक विधिक साक्षरता एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा नियुक्त पराविधिक स्वयंसेवकों ने जयसिंह पुरा, मोहन नगर, इंडस्ट्री एरिया, पन्‍ना पोखर, महोली रोड, गणेशरा, राघे धाम कॉलोनी, संजय नगर, घौरेरा आदि स्थलों पर जाकर डोर टू डोर अभियान चलाया गया तथा विधिक जागरूकता से सम्बंधित पम्फ्लेट्स का वित्तरण किया गया।

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