उत्तर प्रदेश, मथुरा : रामलीला की अनुमति मिलने से कलाकारों में ऊर्जा का संचार, नौहझील में आयोजन का ऐलान

Subscribe






Share




  • National News

दीपक गुप्ता 

टीटीआई न्यूज़ 

नौहझील (मथुरा) 8 अक्टूबर 2020

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के नौहझील कस्बे में रामलीला मंचन की वर्षों पुरानी परंपरा को बरकरार रखने की दिशा में सकारात्मक पहल से कलाकारों में ऊर्जा का संचार हुआ है। कोरोना के कारण मार्च से सितंबर तक हाथ पर हाथ धरे बैठे ‘राम’ और ‘रावण’ की भुजाएं फड़कने लगी हैं, क्योंकि उन्हें भी काम की तलाश है।

कलाकारों और उनके परिवारों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि उन्होंने जिंदगी में पहले कभी ऐसा नहीं सोचा था कि ऐसे दिन भी आएंगे। इस संकट में सरकार के फैसले ने उनको एक उम्मीद दी है।

दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा जब 100 लोगों के साथ धार्मिक कार्यक्रम कराने की अनुमति दी गई तो नौहझील रामलीला कमेटी ने भी रामलीला का आयोजन कराने का ऐलान कर दिया है जबकि राज्यों में रामलीला को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है।

रामलीला महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष अशोक भारद्वाज ने बताया कि रामलीला की परंपरा वर्षों पुरानी है, जिसे जीवंत रखने के लिए वह हर संभव प्रयास कर आयोजन कराएंगे। कलाकारों और मंडल स्वामी का कहना है कि कोरोना काल में दशहरे पर रावण पुतला दहन निश्चित ही एक सकारात्मक माहौल देगा।

नि:संदेह, रामलीला मंडलियों में ही नहीं, आज हर जगह रोजगार को लेकर जिस तरह से अनिश्चितता का माहौल है, उसमें रामलीला और दशहरे के मेले रोशनी की बड़ी किरण से कम नहीं हैं। दो महीने में 1500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा जबकि जिले में 35 जगहों पर लीलाएं अलग से होती हैं।

एक लीला में औसत 15 से 20 लोग सदस्य होते हैं। इस लिहाज से 700 लोगों को सीधे और इनके साथ लगने वाले मेलों से हजार लोगों का रोजगार जोड़ लें तो दो महीनों तक 1700 लोगों को रोजगार मिलता है।

TTI News

Your Own Network

CONTACT : +91 9412277500


अब ख़बरें पाएं
व्हाट्सएप पर

ऐप के लिए
क्लिक करें

ख़बरें पाएं
यूट्यूब पर