दिए में तेल- दीपावली के दीए में तेल था, तभी अब तक है जलता, बगैर तेल के कोई दीपक कभी भी इतना नहीं चलता!
आज का शेर- घर से निकले तो हो, सोचा भी है किधर जाओगे, हर तरफ तेज़ आंधियां हैं, बिखर जाओगे।
आज का प्रासंगिक दोहा- निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाय, बिन पानी साबुन बिना निर्मल करै सुभाय।
आज का बब्बर शेर- उम्र भर यही ग़लती ग़ालिब करता रहा, धूल चेहरे पर थी और आईना साफ़ करता रहा।
कर भला तो हो भला, करेगा भला तो होगा भला, कर रहा बुरा, कैसे हो भला, कौन कटाता, दूसरे के बदले अपना गला?
अगर किसी का भला करने की सोच रहे हो तो बिल्कुल मत सोचना, किसी से मत पूछना, तत्काल उसका भला कर देना!
अगर किसी का बुरा करने की सोच रहे हो तो सोचते रहना, लाख बार सोचकर फिर सोचना- "करोगे तो अपना ही बुरा!"
प्रासंगिक गीत- जहां सत्य, अहिंसा और धरम का लगता नित-नित फेरा, वह भारत देश है मेरा, वह भारत देश है मेरा!
मायावती ने पार्किंग शुल्क खत्म किया, अखिलेश ने जवाहर बाग खाली करा दिया, योगी से लूट के ठेके नहीं बंद हो रहे?
सच्चे कलमकार गूंगे जनमानस की चीख होते हैं, आवाज़ होते हैं, समाज का आईना होते हैं, राजा के दरबार नहीं होते!
अच्छे-अच्छों को संदेश देता गीत- इस जीवन की यही है कहानी, आनी-जानी यह दुनिया, जैसे दरिया का पानी।
बंसी वारे को समर्पित फिल्मी गीत- प्यार करने वाले कभी डरते नहीं, जो डरते हैं, वो प्यार करते नहीं,
लंबी दीवारें चुनवा दो, लाख बिछा दो पहरे, रस्ते में बिछा दो ऊंचे पर्वत-सागर गहरे, तूफ़ॉं कब रुकते हैं?
मथुरा में श्रद्धा भाव से मनी गोपाष्टमी, आज लग रही अक्षय नवमी की परिक्रमा, सब करें प्रार्थना- पाप कर्मों का हो नाश!
हाथी चीटियों को रौंदता जा रहा था, दृष्टा ने पूछा- पाप किसे लगेगा? बताया गया कि देखने वाले को, उसने बचाया नहीं!
जन-जन को लेना होगा संकल्प- "किसी श्रद्धालु को अपने सामने नहीं देंगे लुटने, लुटेरों के आगे नहीं झुकने देंगे घुटने!"
पूछते भक्त- सुदर्शन चक्र पर धरी अखिल ब्रह्मांड नायक योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण की मथुरा के मेले किसने किए मैले?
सत्य चाहे अकेला हो और सामने झूठ का चाहे पूरा मेला हो, झूठ का पूरा समूह चूर-चूर हो जाएगा, झूर-झूर हो जाएगा।
आज का बब्बर शेर- आंधियों तुमने दरख़्तों को गिराया होगा, मैं फूल से लिपटी हुई तितली हूं।
दाग़ मिटाने की बजाय, दाग़ बताने वाले पर गोले दाग रही सरकार और श्रद्धालुओं से लूटमार का ब्लैकमेलर ठेकेदार?
गुनगुनाता गीत- गोरे तन पे चमके बिजुरिया, दाग न लग जाए! ( इसीलिए दिखा रहे दर्पण- अब इसे हटा लो! )
निर्बल में बंसीवारा, बलशाली में बंसीवारा, दिखाता बल का बलशाली जब घमंड, देकर कमजोर का साथ देता खंड-खंड!
सत्य- सच्ची पत्रकारिता चाकू की नोंक पर चलने के समान होती है, सच्चे पत्रकारों को चाकू की नोंक पर चलना आता है।
सरकार/ठेकेदार भ्रमित, सोचते कि किसी को कुछ नहीं पता, मथुरा से मुंबई/दुबई तक के बच्चे-बच्चे को सब पता?
आज का शेर- सच्चाई छुप नहीं सकती कभी बनावट के उसूलों से, ख़ुशबू आ नहीं सकती कभी कागज़ के फूलों से।
झूठी सरकारों के सच्ची पत्रकारिता द्वारा खुलेंगे जब किस्से, होगा खुलासा कि बेईमान व्यवस्था के रहे कौन-कौन हिस्से।
जिन सच्चे और ईमानदार पत्रकारों को सरकार को देना चाहिए सम्मान, उनका राज्य करा रहा हर तरह से उत्पीड़न!
रस्सी जल गई, बल नहीं गया, केन्द्र बैसाखियों पर आ गया, छल नहीं गया, सोशल मीडिया पर राज्य नियंत्रण अवैध!
सोशल मीडिया पर सरकार का दुराग्रह पूर्ण अनाधिकृत नियंत्रण अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का खुला उल्लंघन
राजा हो या के फ़कीर, नर धोखे में मत रह जइयो, तेरी 4 दिना की ज़िंदगानी, नहीं रहनो अमर सरीर, तेरो आयो समय अखीर।
मथुरा बार एसोसिएशन के चुनाव में प्रदीप शर्मा अध्यक्ष, शिवकुमार लवानिया सचिव, बीपी गौतम उपाध्यक्ष,
सुरेंद्र कुमार शर्मा संयुक्त सचिव, यशवंत सिंह ऑडिटर और पंकज कुमार गोला कोषाध्यक्ष निर्वाचित घोषित किए गए
एक कृष्ण कू मारवे के चक्कर में कंस नै कितनी हत्या अपने सर लै लीन्ही, फिरऊ मार नहीं पायो, अपनौ मरवौ तै करायो
प्रदीप्त- ऊपर वाला पासा फ़ेंके, नीचे चलते दांव, कभी धूप तो कभी छांव, ध्यान से खेना जग नदिया में बंदे अपनी नाव।
जो खेलते, नहीं देखता बंसीवारा, जो खिलवाते, देखता उन्हें बंसीवारा, खिलवाने वालों पर निर्भर हार-जीत का खेल सारा
बोलता गीत- मन के जीते, जीत तुम्हारी, मन के हारे, हार! खतरों के आगे तुम न करना, हार कभी स्वीकार, मेरे यार!
हार जीत- प्रभु जिसे हार देते हैं, उसे पहले ही आभास करा देते हैं, जिसे जीत देते है, उसे भी पहले ही एहसास करा देते हैं।
मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिला अस्पताल में युवती की मौत से गुस्साए परिजनों का आरोप- नशे में ड्यूटी पर था डॉक्टर!
वाराणसी में एक ही परिवार के 5 सदस्यों पति-पत्नी दो बेटों और बेटी की हत्या से सनसनी, कड़ी सुरक्षा के मध्य अंत्येष्टि
एक दिन- लड़ेंगे लूटने और लुटवाने वालों से कदम-कदम पर, लूटने/लुटवाने वालों का करेंगे विरोध हर क़दम पर।
आज का बब्बर शेर- हौसले फतह की बुनियाद हुआ करते हैं, कांपते हाथों से तलवार उठाया ना करो।
सांवरिया है सेठ, सांवरिया है सेठ म्हारी सेठानी राधा रानी है, सांवरिया है सेठ, सेठानी राधा रानी है, महारानी राधा रानी है
सब कुछ चोर-उठाईगीरों/उनके संरक्षकों के हाथ में होता तो भला भगवान को भगवान मानकर, कोई क्यों-कर पूजता?
ऐसा मोहक जाल बिछाए, थककर रह गई बुद्धि बेचारी, प्यारे सोच-समझकर सौदा कीजै, यह नंद का लाल बड़ा व्यापारी।
बंसीवारो गईयन कू चरातो डोले, इत-वित बंसी बजातो डोलै, कोई बच्चा नहीं बोलै, गर बोलनो होय, सब कौ बच्चा बोलै।
बंसी वारे के सब कॉपी पेस्ट- बेईमानी से सिस्टम धरवा लो, किसी का हैक करवा लो, बंसी वारे जैसा नहीं कोई अपडेट
आज का विचार- ईश्वरीय विधान समझ आएंगे तो भौंचक्के रह जाओगे, पक्षी भी कुछ कहते, बिजली भी कुछ कहती?
बंसी वारे के भक्तों को लुटवाकर ज़माने को जिमाया तो क्या किया, पुण्य कोई मिलना नहीं, महा पाप अपने नाम किया!
हमने यह दुआ जब भी मांगी तक़दीर बदल दे ऐ मालिक, आवाज़ आई कि अब हमने, तक़दीर बदलना छोड़ दिया!
कर्म से बदलती क़िस्मत- कोई कर्म ऐसा करो कि तस्वीर बदल जाए, कोई कर्म ऐसा करो कि तक़दीर बदल जाए।
आदमी चाहे तो तक़दीर बदल सकता है, पूरी दुनिया की वह तक़दीर बदल सकता है, आदमी सोच तो ले, उसका इरादा क्या है?
आज का विचार- सत्य मार्ग पर चलने वाला दिखता अकेला मगर बंसीवारा और जन-जन का प्रेम-भाव सदा रहता साथ
बंसी वारे की कृपा न कहीं बंटती है, न कभी लुटती है, बंसी वारे की कृपा तो पात्रता परीक्षा के बाद घर बैठे मिलती है।
ऐसे ही नहीं किसी पर कृपा कर देता बंसीवारा, पेट का पानी तक हिलाकर देख लेता, कड़ी से कड़ी लेता परीक्षा, तब देता दीक्षा!
सरस भोगा जा रहा सत्य- जिस पर ईश्वर की सच्ची कृपा होती है, अखिल ब्रह्मांड की सारी शक्तियां उसका साथ देती हैं।
जिसको समाज ने सर-ऑंखों पर बिठाया, उसने समाज को ही लुटवाया, शहरियों को भी नहीं छुड़वाया, समाज नाराज!
पुलिस की नहीं, यह हर सच्चे नागरिक की जिम्मेदारी, अपने सामने अगर लूट होने दोगे तो देखना 1 दिन आप भी लुटोगे!
श्रद्धालुओं को लुटवा अर्जित कीं अरबों की संपत्तियां, फिर भी बेचैन, ठेका देने और लेने वाले दोनों का ठेका प्रभु के पास!
चाहवे की चाह, काहू की नहीं परवाह, सदा सूरत निमानी के, सेवक गुणीजन के, चाकर श्यामा प्यारी के, हरिश्चंद्र नगद दामाद हम अभिमानी के
सच्चे हरिभक्त को कोई विष भी देता है तो वह भी उसके लिए अमृत और विष देने वाले के लिए जीवन नर्क बन जाता है।
तिहारो दरस मोहे भावे- श्री यमुना जी, तिहारो दरस, मोहे भावे, गोकुल के नित पास बहत हो, लहरन की छवि आवे।
यह नहीं किसी कवि की कपोल कल्पना, बिठूर जैसी सच्ची कहानी- "यमुना यम टारत है, भव टारत है श्री राधा रानी!"
सरकार को दिखता रिवेन्यू, लूट के ठेके में रिवेन्यू, चालान में रिवेन्यू, खुफिया तंत्र देगा जानकारी- 'घट गई कितनी वैल्यू?'
मैं प्रेम हूं, विश्वास हूं, मैं दुखियों की आवाज़ हूं, मैं श्रद्धा का सैलाब हूं, मैं कंसों का संहार करता हूं, मैं मथुरा हूं, मैं मथुरा हूं!
आपका अपना नेटवर्क, टीटीआई न्यूज़- जगन्नाथ रथयात्रा, अभी तो सिर्फ झांकी है, पूरी पिक्चर आनी अभी बाकी है!
जो चलवाते जुए के खुले अड्डे, कराते सट्टे की खाईबाड़ी, ब्लैकमेलिंग और श्रद्धालुओं से लूटमार, मथुरा के मठाधीश!
देहाती और मेवाती ही नहीं, शहर के कुछ सफेद पोश भी साइबर अपराधी, नेट और सिम एजेंसी वाले भी लिप्त?
मथुरा में कौन कर/करा रहा इजराइल के ऐप का इस्तेमाल, जन-जन को जानकारी, आज तक हुई किसी की गिरफ्तारी?
देश के धनी-मानी लोगों के मोबाइल मुंबई-दुबई से होते हैक, ब्लैकमेल कराता माफिया, पूछा सवाल, सभी अब तक मौन
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