मूल्यवान वोट डालने की अपील कर पीएम आज पहुंच रहे कुंभ?

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मेरे दिल में आइए, मेरी नज़र में आइए, 
दोनों घर हैं आपके, चाहे जहां बस जाइए।
योगेश खत्री टीटीआई न्यूज़ 
प्रयागराज 5 फरवरी 2025 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज प्रयागराज पहुंच रहे हैं। महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर भगदड़ से हुए बड़े हादसे के बाद उनकी यह पहली प्रयागराज यात्रा है। इसके अलावा उनकी यह यात्रा इसलिए भी विशेष उल्लेखनीय है कि आज दिल्ली विधानसभा का चुनाव चल रहा है और आज ही अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव भी कराया जा रहा है। चुनाव में बढ़-चढ़कर मतदान करने की अपील के बाद पीएम प्रयागराज पहुंच रहे हैं। 
कुंभ का दौरा करने आ रहे पीएम त्रिवेणी में पवित्र संगम स्नान कर पूजा-अर्चना करेंगे और वह साधु-संतों से भी भेंट कर सकते हैं। इसलिए आज वह पूरे दिन मीडिया पर भी छाए रहेंगे। यह उनकी कार्यक्रम शैली/रणनीति सदैव से रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ उनके साथ रहेंगे। वह साधु-संतों की शरण में पहले ही पहुंच चुके हैं।
अनुमान लगाया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज आज इसलिए भी आ रहे हैं क्योंकि परसों 7 फरवरी को सारे अखाड़े वाराणसी प्रस्थान कर जाएंगे। वह रंग पंचमी वाले दिन काशी में होली खेलने के बाद कुंभ का समापन करेंगे।
इस मध्य सीएम योगी आदित्यनाथ ने भूटान नरेश के साथ संगम स्नान किया। वहीं कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने महाकुंभ हादसे के सही आंकड़े न जारी करने का आरोप लगाया है जबकि योगी ने उनके आरोप को बेबुनियाद बताया है।
इस मध्य आज दिल्ली विधानसभा और उत्तर प्रदेश के अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट का उपचुनाव भी चल रहा है। 
दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटों के लिए 699 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। सुबह 7:00 से शुरू हुआ मतदान शाम 6:00 तक चलेगा, जिसके लिए एक करोड़ 56 लाख मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। चुनाव के लिए 13700 से अधिक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। 
यहीं यह भी उल्लेख आवश्यक है कि जहां कुंभ चल रहा है, वहां गंगा मैया भगवान के श्री चरणों से आई हैं मगर मथुरा के गोवर्धन में मानसी गंगा प्रभु के मन से उत्पन्न हुई हैं। प्रभु कौन? संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न एक ही तो प्रभु हैं अखिल ब्रह्मांड नायक योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण, जिन्होंने जब एक राक्षस को मारा तो उनसे गंगा स्नान करने को कहा गया। उन्होंने कहा गंगा स्नान करने कौन जाए। इसलिए उन्होंने यहीं अपने मन से गंगा उत्पन्न कर दीं, जिन्हें गिर्राज जी ने अपने ऊपर स्थान दिया है। ऐसी मान्यता है कि प्रयागराज में गंगा स्नान से मुक्ति मिलती है जबकि मानसी गंगा में स्नान से श्री कृष्ण प्रेम मिलता है। देखो अब राजा और महाराजा जी, कहीं मानसी गंगा में ही डुबकी लगाने न आ जाएं?

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